धराली में आठ से दस फीट मलबे में दबे हैं लोग और होटल

बीते पांच अगस्त को पानी के साथ बह कर आए मलबे में आठ से दस फीट नीचे तक होटल और लोग दबे हुए हैं। इसकी जानकारी एनडीआरएफ की ओर से प्रयोग की गई ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) के माध्यम से मिली है। इसके प्रयोग से मिलने वाले तत्वों के आधार पर ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ धराली में मलबे के ऊपर खुदाई कर रही है।

एनडीआरएफ की ओर से धराली में मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का प्रयोग किया जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिकल डिटेक्टर वेब किसी मलबे में करीब 40 मीटर नीचे तक दबे किसी भी तत्व की जानकारी बताता है।

एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरएस धपोला ने बताया कि इसकी मदद से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे यह जानकारी मिली है कि धराली में आपदा प्रभावित क्षेत्र में करीब आठ से 10 फीट नीचे होटल और लोग दबे हुए हैं। कुछ स्थानों पर जीपीआर से मिले संकेतों पर खुदाई की जा रही है।

उत्तरकाशी आपदा में मकान में घुसा मलबा

इसमें मंगलवार को दो खच्चरों और एक गाय के शव मिले हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र को चार सेक्टर में बांट कर मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है। इसमें दो सेक्टर में एनडीआरएफ और दो में एसडीआरएफ की ओर से कार्य किया जा रहा है।

उत्तरकाशी में आपदा

धराली में खोजबीन, रेस्क्यू अभियान बुधवार को भी जारी रहा। मौसम साफ होने के बाद 11 बजे से हेलिकाप्टर उड़ान भर सके। धराली में संचार सेवा बुधवार को भी दिनभर ठप रही। इसके अलावा अब दो चिनूक और एक एमआई हेलिकाप्टर धरासू व चिन्यालीसौड़ में तैनात करने का फैसला लिया गया है। साथ ही एक एएलएच हेलिकाप्टर भी पहुंच गया है।

उत्तरकाशी आपदा में राहत बचाव कार्य

वहीं, शासन ने आपदा के कारणों के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की जो टीमें बनाई थीं, वह भी पहुंच गई हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आर्मी ने बुधवार को भी खोजबीन, रेस्क्यू अभियान चलाया। कई जगह मैन्युअली खोदाई भी की गई।

उत्तरकाशी आपदा में राहत बचाव कार्य

आईटीबीपी की टीम ने धराली में क्षतिग्रस्त एक घर से दो खच्चरों के शव बरामद किए। अभियान में हेलिकॉप्टर के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में 48 लोगों और राशन को पहुंचाया गया। खीरगंगा में जल स्तर बढ़ने पर खोज व बचाव दलों के लिए बनाई गई संपर्क पुलिया बह गई थी, इसे तैयार कर लिया गया।

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