
सर्दियों में करें एडवेंचर ट्रिप की तैयारी। जानिए भारत के 6 टॉप टाइगर रिजर्व जहां नवंबर में जंगल सफारी का मज़ा दोगुना हो जाता है।
सर्दियों की दस्तक के साथ ही जंगलों की हरियाली निखरने लगती है और वन्यजीवों का संसार एक नई रौनक से भर जाता है। अगर आप इस नवंबर किसी रोमांचक ट्रिप की तलाश में हैं, तो जंगल सफारी से बेहतर विकल्प कोई नहीं। नवंबर का महीना मौसम के लिहाज से बिल्कुल अनुकूल होता है, न ज्यादा गर्मी, न ज्यादा ठंड जिससे टाइगर रिजर्व की सैर का मज़ा दोगुना हो जाता है।
भारत दुनिया का वह देश है, जहां 70% से ज्यादा बाघों की आबादी पाई जाती है। हर राज्य के पास अपने अनोखे जंगल हैं, कहीं घने साल के पेड़ हैं तो कहीं नदी किनारे बसे जंगलों में शेर, तेंदुआ और हाथी घूमते नजर आते हैं। इस बार अपनी ट्रैवल लिस्ट में इन 6 शानदार टाइगर रिजर्व को ज़रूर शामिल करें।
हालांकि यात्रा के लिए ध्यान रखें कि सफारी टिकट पहले से ऑनलाइन बुक करें। जंगल में मोबाइल साइलेंट मोड पर रखें। हल्के कपड़े और कैमरा साथ रखें। स्थानीय गाइड की सलाह पर चलें। नवंबर की ठंडी हवाओं में जंगल का रोमांच कुछ और ही होता है। तो इस बार भीड़-भाड़ वाले हिल स्टेशन नहीं, जंगल सफारी का रुख करें, जहां सन्नाटा बोलता है और प्रकृति अपनी असली भाषा में कहानियां सुनाती है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व, राजस्थान
राजस्थान के सवाई माधोपुर में रणथंभौर नेशनल पार्क है। यह उद्यान पहाड़ों, किलों और घने जंगलों के बीच है, जहां से बाघों की झलक मिलती है। अरावली और विंध्याचल पहाड़ियों का संगम देखने को मिलता है। राजस्थान का यह जंगल अपने शाही बाघों और प्राचीन किलों के लिए मशहूर है। नवंबर में यहां का मौसम सफारी के लिए बिल्कुल सही रहता है। यहां का सफर फोटोग्राफर्स के लिए स्वर्ग जैसा है। सफारी और कैम्पिंग का आनंद ले सकते हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क की यात्रा के लिए जयपुर एयरपोर्ट से 180 किमी दूर बस या कैब मिल जाएगी। उद्यान से 12 किमी दूर सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन है।
कान्हा टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क से ही रूडयार्ड किपलिंग ने द जंगल बुक की प्रेरणा ली थी। जंगल बुक की प्रेरणा ली गई थी। यह उद्यान बारहसिंगा का प्रमुख निवास है। यहां आप टाइगर सफारी, बर्ड वाॅचिंग और वन्यजीवों को करीब से देखने के लिए जा सकते हैं। जंगल में कच्चे रास्तों पर रोमांचक सफर का अनुभव लेने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर एयरपोर्ट है जो कि 160 किमी दूर है। जबलपुर रेलवे स्टेशन 165 किमी दूर है।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश
भारत में सबसे अधिक टाइगर डेंसिटी वाला रिजर्व बांधवगढ़ नेशनल पार्क है, जो कि मध्य प्रदेश के उमरिया जिला में स्थित है। यहां आने वालों को हाथी सफारी का लुत्फ जरूर उठाना चाहिए। यह उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा है। बाघों के अलावा भी यहां कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सबसे करीब रेलवे स्टेशन उमरिया रेलवे स्टेशन है, जहां से इस पार्क तक पहुंचने में लगभग 40 मिनट की ड्राइव है। यह फोटोग्राफर्स के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड
भारत का पहला नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क है, जो कि उत्तराखंड में है। यहां पहाड़, नदियां और घने जंगल मिलकर अनोखा नज़ारा पेश करते हैं। यहां रोमांचक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां आने का बेस्ट समय नवंबर से जून का है। अगर आप बाघ देखना चाहते हैं तो ढिकाला जोन में टाइगर दिखने की संभावना सबसे अधिक होती हैं। इस पार्क में बंगाल टाइगर, हाथी, हिरण, मगरमच्छ के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप जीप सफारी, कैंटर सफारी, एलीफेंट सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां के घने जंगलों और रमणीय पहाड़ियों के बीच सफारी का रोमांच विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।
सुंदरबन टाइगर रिजर्व, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल का सुंदरबन नेशनल पार्क दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव जंगल है। इसे प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर का घर कहा जाता है, जहां नाव सफारी का अनोखा अनुभव मिलता है। यहां नाव सफारी के जरिए बाघों को देखने का प्रयास कर सकते हैं। दुर्लभ पक्षियों और मगरमच्छों को देखने का मौका मिलता है और शांत व रहस्यमयी जंगल का अनुभव ले सकते हैं। सुंदरबन नेशनल पार्क तक पहुंचने के लिए 120 किमी दूर कोलकाता एयरपोर्ट से टैक्सी ले सकते हैं। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कंठी और नामखाना रेलवे स्टेशन है। यहां के बाघ तैराकी में माहिर हैं। समुद्री खारे पानी और मैंग्रोव जंगलों के बीच इनका जीवन बेहद रहस्यमय है।
 
				 
					


