टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Ltd’s) कर्ज से डूब गई है। कर्ज से मुक्ति पाने के लिए कंपनी ने 18,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन ऑफरिंग (FPO) पेश किया था। इसमें कंपनी ने शेयर 10-11 रुपये के प्राइस बैंड निर्धारित किया था।
22 अप्रैल 2024 को इस एफपीओ का आखिरी दिन था। निवेशकों को कंपनी का एफपीओ काफी पसंद आ रहा है। इस एफपीओ में अधिकतम संस्थागत निवेशकों ने पैसे लगाए हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सोमवार को वोडाफोन आइडिया का एफपीओ 3.3 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया।
स्टॉक एक्सचेंजों की जानकारी के अनुसार एफपीओ के आखिरी दिन 2.30 बजे 1,260 करोड़ के इश्यू आकार के मुकाबले 4,212.56 करोड़ शेयर मांगे गए थे। वैसे फाइल नंबर मार्केट बंद होने के बाद पता चलेंगे।
योग्य संस्थागत खरीदारों (Qualified institutional buyers) ने आरक्षित 360 करोड़ शेयरों में से 8.71 गुना शेयरों की मांग की। वहीं, गैर-संस्थागत निवेशकों ने निर्धारित 270 करोड़ शेयरों में से 2.7 गुना शेयरों के लिए बोली लगाई।
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी खुदरा निवेशकों की थी। रिटेल इन्वेस्टर ने 630 करोड़ शेयरों में से केवल 56 प्रतिशत ही खरीदे गए। कंपनी के शेयर आज दोपहर बीएसई पर शेयर के 12.44 रुपये के ट्रेडिंग मूल्य से कम है।
कंपनी ने इतने शेयर बेचे
वोडाफोन आइडिया ने पिछले हफ्ते पहले संस्थागत निवेशकों को 5,400 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एंकर बुक आवंटन के दौरान निवेश फर्म जीक्यूजी और फिडेलिटी ने अधिकांश शेयर खरीदे।
वोडाफोन आइडिया का एफपीओ अब तक का सबसे बड़ा है। इससे पहले, भारतीय बाजार में सबसे बड़ा एफपीओ 2020 में यस बैंक द्वारा 15,000 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री थी।