
कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गद्दाम ने संयुक्त राष्ट्र की दूसरी समिति में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि विकासशील देशों की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक व्यापार प्रणाली निष्पक्ष, पारदर्शी और नियम-आधारित होनी चाहिए।
कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गद्दाम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की दूसरी समिति में भारत की ओर से मैक्रोइकोनॉमिक नीतियों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सम्मेलनों के नतीजों पर देश का वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार एक नियम आधारित, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी व्यवस्था पर आधारित होना चाहिए, जिससे विकासशील देशों को समान अवसर मिल सकें।
‘भारत निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार प्रणाली का करता है समर्थन’
वामसी कृष्णा गद्दाम ने कहा कि भारत एक ऐसे बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन करता है जो विश्व व्यापार संगठन के अंतर्गत निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण हो। व्यापार को समावेशी विकास का इंजन बनना चाहिए, जो वस्तु-निर्भर अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करे और विकासशील देशों को वैश्विक वैल्यू चेन में समान भागीदारी का अवसर दे। उन्होंने चिंता जताई कि डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय में नए सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में जारी गतिरोध ने विवाद निपटान प्रणाली को कमजोर कर दिया है। इससे न केवल संगठन की साख पर असर पड़ा है बल्कि सदस्य देशों के अधिकारों और दायित्वों पर भी असर पड़ा है।
सांसद वामसी कृष्णा गद्दाम ने आगे कहा कि भारत हमेशा से विकास के लिए साझेदारी के सिद्धांत में विश्वास रखता है और वैश्विक आर्थिक ढांचे को इस तरह से तैयार करने की वकालत करता है, जिससे हर देश को समान अवसर मिल सके। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से भी अपील की कि वे विकासशील और गरीब देशों के लिए अधिक पारदर्शी व सहायक नीतियां बनाएं, ताकि वैश्विक आर्थिक असमानता को कम किया जा सके।