पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 7 कड़े फैसले

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अहम फैसले लिए हैं। 26 नागरिकों की मौत के बाद से पूरे देश में दहशत का माहौल है। सरकार ने कल हमले के सीमापार संबंधों पर चर्चा के बाद पांच एलान किए थे, वहीं आज दो और कार्रवाइयों की घोषणा की गई है।

वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुरुवार को एलान किया था कि भारत पहलगाम हमले में शामिल हर एक आतंकी की पहचान करेगा और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देगा अब आगे जानते हैं मामले में सरकार की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ कौन-कौन सी कार्रवाइयां की गईं हैं।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत के अहम फैसले
सबसे पहला और अहम फैसला भारत ने 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाई है। सरकार ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा-पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी।

बैठक में अटारी चेक पोस्ट को बंद करने का एलान किया गया। जिन लोगों ने अनुमोदन के साथ सीमा पार की है, उन्हें 1 मई से पहले उस रास्ते से लौटने की अनुमति है।

सरकार ने अब पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी है। पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए SVES वीजा रद कर दिए गए हैं। साथ ही, SVES वीजा रखने वाले सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया गया और उन्हें देश छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया। भारत ने यह भी घोषणा की कि वह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा कर्मचारियों को वापस बुलाएगा।

भारत ने कहा कि वह 1 मई तक और कटौती करके उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर देगा।

सरकार ने बीते दिन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने को कहा। हालांकि, जिनके पास मेडिकल वीजा है वे केवल 29 अप्रैल तक ही रह सकते हैं।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में रिट्रीट समारोह के दौरान औपचारिक प्रदर्शन को कम करने का एक सुनियोजित निर्णय लिया। प्रमुख बदलावों में भारतीय गार्ड कमांडर और समकक्ष गार्ड कमांडर के बीच प्रतीकात्मक हाथ मिलाने की प्रक्रिया को निलंबित करना भी शामिल है। समारोह के दौरान गेट बंद रहेंगे। बीएसएफ ने कहा कि यह कदम सीमा पार दुश्मनी पर भारत की गंभीर चिंता को दर्शाता है। शांति और उकसावे एक साथ नहीं रह सकते

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