एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद ने जैविक खाद्य उत्पादकों और विपणन एजेंसियों के परिसंघ (सीओआईआई) के साथ संयुक्त रूप से किए गए अध्ययन को जारी किया है। अध्ययन में बताया है कि वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच उत्तर प्रदेश में 4.41 लाख करोड़ की नई निवेश परियोजनाएं आईं। परिषद के अध्यक्ष डॉ. डीएस रावत ने बताया कि इनमें से 2.65 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी भी हो गई हैं।
अध्ययन के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच निजी क्षेत्र द्वारा निवेश परियोजनाएं 2.17 लाख करोड़ रुपये की थीं। इनमें से 92,478 करोड़ रुपये की पूर्ण परियोजनाएं थीं। 2022-23 में बकाया कुल निवेश परियोजनाएं 6.81 लाख करोड़ रुपये की थीं। इनमें से 3.97 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं में काम चल रहा है।
वर्ष 2022-23 में निजी क्षेत्र द्वारा नई निवेश परियोजनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022-23 के दौरान बैंकों द्वारा कुल कर्ज में भी वृद्धि हुई है। इस दौरान कुल बैंक ऋण 7.55 लाख करोड़ रुपये था, जबकि 2021-22 में यह 6.46 लाख करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के एमएसएमई सेक्टर में 14.20 प्रतिशत हिस्सेदारी यूपी की है, जो सबसे अधिक है। राज्य में 15 औद्योगिक क्षेत्र, 12 विशेष पार्क, चार विकास केंद्र शामिल हैं। अध्ययन में कहा गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा बेल्ट देश में मोबाइल के निर्माण में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहा है।