‘फलस्तीन को मान्यता देकर भारी गलती कर रहे कई देश’, इस्राइल की चेतावनी- इससे शांति नहीं आएगी

गिदोन सार ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एकतरफा तरीके से फलस्तीन को मान्यता दी गई तो इससे क्षेत्र में अशांति और अस्थिरता फैलेगी। साथ ही इससे इस्राइल भी अपनी मर्जी से कदम उठाने को मजबूर होगा और यह पूरे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए भारी गलती होगी।

इस्राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने हाल के समय में कई देशों द्वारा फलस्तीन को मान्यता देने के एलान की कड़ी आलोचना की है। सार ने इसे बड़ी गलती बताया और चेतावनी दी कि ऐसा करने से क्षेत्र में अशांति आ सकती है और इस्राइल को भी एकतरफा तरीके से कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। तेल अवीव में डेनमार्क के विदेश मंत्री के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गिदोन सार ने कहा कि फलस्तीन को इस तरह से मान्यता देने से शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचेगा और यह हमास जैसे संगठनों की हिम्मत बढ़ाएगा।

‘फलस्तीन को एकतरफा मान्यता देकर गलती कर रहे देश’
गिदोन सार ने कहा ‘फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देश कथित फलस्तीनी देश को मान्यता देने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन ये एक भारी गलती है। अगर आप राज्य की मान्यता को शांति से अलग करके देखेंगे तो आप शांति स्थापित करने की कोशिशों को और मुश्किल ही बनाएंगे।’ उल्लेखनीय है कि फ्रांस समेत कई देशों ने आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में फलस्तीन को मान्यता देने का एलान किया है। इस्राइल द्वारा गाजा में की जा रही कार्रवाई के विरोध में यूरोपीय देशों ने यह फैसला किया है।

इस्राइली विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी शांति समझौता द्विपक्षीय ढांचे के तहत किया जाना चाहिए और अभी तक फलस्तीन को जो भी कुछ मिला है, वह द्विपक्षीय बातचीत से ही संभव हुआ है। सार ने कहा कि फलस्तीन को एकतरफा तरीके से देश की मान्यता देना हमास को तोहफा देने जैसा है। हमास ने ही 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल पर हमला कर 1200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और 252 लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस हमले के बाद ही इस्राइल ने गाजा में हमले शुरू किए, जो अब तक जारी हैं।

पश्चिमी देशों को इस्राइल ने किया सावधान
गिदोन सार ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एकतरफा तरीके से फलस्तीन को मान्यता दी गई तो इससे क्षेत्र में अशांति और अस्थिरता फैलेगी। साथ ही इससे इस्राइल भी अपनी मर्जी से कदम उठाने को मजबूर होगा और यह पूरे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए भारी गलती होगी। इस्राइल की सरकार ने यूरोपीय देशों से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। फ्रांस के अलावा ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन को अलग देश की मान्यता देने का एलान किया है। हाल ही में बेल्जियम ने भी ये घोषणा कर दी।

‘मृतकों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा हमास’
इस्राइल के विदेश मामलों के महानिदेशक एडेन बार ताल ने दावा किया है कि गाजा में मौतों और घायलों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमास का कहना है कि 60 हजार लोग मारे गए हैं, लेकिन ये आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हैं। हमें इसका पता कैसे चला? क्योंकि हमास की सूची में चार-चार बार एक ही मृतक का नाम देखा गया है। उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर हमारा मानना है कि हमास के 15-20 हजार उग्रवादी मारे गए हैं और नागरिकों का आंकड़ा काफी कम है।

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