केंद्र और राज्य सरकारें बेटियों का आर्थिक और सामाजिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इनमें बेटियों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर शादी तक के खर्च में मदद शामिल हैं। अगर माता-पिता थोड़ी जागरूकता दिखाएं और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाएं, तो उन्हें बेटियों की पढ़ाई और शादी के खर्च के तनाव से मुक्ति मिल जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की बेटियों के लिए एक ऐसी ही स्कीम है, भाग्य लक्ष्मी योजना (Bhagya Laxmi Yojana)। इसमें बेटी के जन्म वक्त 50 हजार रुपये का बॉन्ड मिलता है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
किसके लिए है भाग्य लक्ष्मी योजना?
यूपी सरकार की यह स्कीम BPL (Below Poverty Line) यानी गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों की खातिर है। इसका मकसद बेटियों की पैदाइश को बढ़ावा देना है। साथ ही, परिवार की आर्थिक मदद करना भी है, ताकि परिवार पर ज्यादा आर्थिक बोझ ना पड़े। इसके जरिए सरकार भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करना चाहती है।
योजना में क्या फायदा मिलता है?
भाग्य लक्ष्मी योजना में यूपी सरकार बेटी की पैदाइश के वक्त 50,000 रुपये का बॉन्ड देती है। जब बेटी की उम्र 21 साल होगी, तो यह बॉन्ड मैच्योर होकर 2 लाख रुपये का हो जाएगा। मां को 5100 रुपये की आर्थिक मदद भी मिलती है।
पढ़ाई के लिए भी सरकार 23 हजार रुपये देती है। यह आर्थिक मदद एकमुश्त नहीं, बल्कि किस्तों में मिलती है। जैसे कि बेटी के छठी क्लास में पहुंचने पर 3000, आठवीं में पहुंचने पर 5000, 10वीं में पहुंचने पर 7000 और 12वीं में पहुंचने पर 8000 रुपये मिलेंगे।
31 मार्च 2006 के बाद बीपीएल परिवार में पैदा होने वाली सभी बच्चियां भाग्य लक्ष्मी योजना का फायदा ले सकती हैं। लेकिन, उनकी शादी 18 साल से कम उम्र में नहीं होनी चाहिए। एक परिवार की दो बेटियां ही इसका लाभ उठा सकती हैं।
किन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत?
भाग्य लक्ष्मी योजना का लाभ उठाने की पहली शर्त है कि आप उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी होने चाहिए। इसमें माता-पिता और बेटी का आधार कार्ड लगता है। बेटी के बर्थ सार्टिफिकेट और पासपोर्ट साइज फोटो की भी जरूरत होती है।
साथ ही आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। आर्थिक मदद का लाभ उठाने के लिए बैंक पासबुक की भी जरूरत होगी।
भाग्य लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
https://mahilakalyan.up.nic.in/ पर जाएं।
भाग्य लक्ष्मी योजना फॉर्म डाउनलोड कर प्रिंट निकाल लें।
फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियों को दर्ज करें।
इसे आंगनबाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास कार्यालय में जमा कर दें।
जांच पड़ताल के बाद योजना का फायदा मिलने लगेगा।