ब्राजील में बाढ़ ने मचाया कोहराम, 100 के पार पहुंची मरने वालों की संख्या

ब्राजील में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। 29 अप्रैल को राज्य में भयंकर बाढ़ आई थी, तब से लेकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। दक्षिणी ब्राजील के रियो ग्रांडे डो सुल राज्य में बारिश और बाढ़ ने 169 लोगों की जान ले ली है। नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने ये जानकारी दी है।

इसके अलावा, पिछले 24 घंटे में तीन और शव बरामद किए गए जबकि 56 लोग लापता हैं। आइएनस की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, यह राज्य में आई अब तक की सबसे खराब प्राकृतिक आपदा है। जानकारी के लिए बता दें, बाढ़ और उफनती नदियों के कारण 2.3 मिलियन से अधिक निवासी विस्थापित हो गए हैं।

इस हफ्ते तेज बारिश की आशंका

राज्य की राजधानी पोर्टो एलेग्रे, अन्य 469 नगर पालिकाओं के बुनियादी ढांचे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिन्हें फिर से तैयार करने में कम से कम एक साल का समय लगेगा। रियो ग्रांडे डो सुल राज्य के गर्वनर एडुआर्डो लेइट ने ये जानकारी दी है। वहीं बताया जा रहा है, पोर्टो एलेग्रे और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में इस हफ्ते बारिश हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 48 घंटे तक स्कूल बंद करने का ऐलान किया है।

बांध टूटना का खतरा

इससे पहले खबर आई थी कि राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में भारी बारिश के कारण बांध टूटना का खतरा मंडरा रहा है । भारी बारिश का असर शहर के 3 हाइड्रो प्लांट पर भी पड़ा है, वो इसके चलते बंद हो गए हैं। जिससे जाहिर सी बात है शहर में पीने के पानी की कमी हो गई होगी। बता दें कि 5 लाख लोगों को पीने योग्य पानी नहीं मिल पा रहा है। बाढ़ को लेकर चिंता जताते हुए रियो ग्रांडे डो सुल के गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने कहा था कि ये अब तक के सबसे खराब हालात हैं।

बाढ़ के लिए कौन जिम्मेदार?

वहीं ब्राजील में आई इस बाढ़ के कारणों को लेकर कई तरह के अनुमान भी लगाए गए हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने इसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया था। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश की बढ़ती तीव्रता के लिए अल-नीनो जिम्मेदार है।बता दें कि ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया था और उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से मदद करने का ऐलान किया था।

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