भारत सरकार ने प्याज के निर्यात को दी मंजूरी

आज वाणिज्य मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।

इसमें बांग्लादेश को 50,000 टन प्याज और यूएई को 14,400 टन के शिपमेंट की अनुमति दी गई है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि एनसीईएल के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात को त्रैमासिक 3,600 मीट्रिक टन की सीमा के साथ 14,400 टन प्याज का निर्यात किया गया है।

बता दें कि डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा है। यह आयात और निर्यात से संबंधित मानदंडों के लिए काम करता है।

डीजीएफटी ने बांग्लादेश को निर्यात के लिए कहा कि निर्यात के तौर-तरीकों पर एनसीईएल द्वारा उपभोक्ता मामलों के विभाग के परामर्श से काम किया जाएगा।

सरकार मित्र देशों को एक सीमित मात्रा में निर्यात की अनुमति देता है। जब मित्र देश अनुरोध करते हैं तब सरकार निर्यात की अनुमति देता है। इसके लिए सरकार एक मात्रा भी तय करती है।

प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध

सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। दरअसल, सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।

इससे पहले, केंद्र ने अक्टूबर 2023 में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था।

कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार पहले भी कई कदम उठा चुकी है। सरकार ने 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था। वहीं, अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था।

इस वित्त वर्ष में 1 अप्रैल 2023 से 4 अगस्त 2023 के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है। भारत बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात को प्याज निर्यात करता है।

एनसीईएल क्या है

एनसीईएल एक बहु-राज्य सहकारी समिति है। इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों जैसे गुजरात सहकारी दूध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ),भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको); कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको); और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (NAFED) द्वारा संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है।

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