
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निकाय चुनावों के प्रचार में एक ऐसे जख्म को कुरेदा, जिसे मोहोल तालुका आज भी भूल नहीं पाया है। उन्होंने 2005 के पुराने पंडित देशमुख हत्याकांड का जिक्र कर फिर से सुर्खियों में ला दिया। शिंदे ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस हत्या के दोषियों को हर हाल में सजा दिलाई जाएगी। पंडित देशमुख की हत्या का मामला 19 साल बाद भी बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित है और सभी 13 आरोपी निचली अदालत से बरी हो चुके हैं।
शिंदे ने पूछा- गुंडाराज या विकास?
मोहोल में चुनावी रैली में एकनाथ शिंदे ने कहा कि जनता को यह तय करना होगा कि उन्हें गुंडाराज चाहिए या विकास। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना नेता पंडित देशमुख की हत्या करने वालों को किसी भी परिस्थिति में माफी नहीं मिलेगी। वह अपने नेता पंडित देशमुख के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। दोषी जेल जाएंगे, चाहे कुछ भी हो।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार इस केस की सुनवाई को मजबूत बनाने के लिए देश के प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे को अपॉइंट करेगी। साथ ही उन्होंने मोहोल तालुका में चल रही आपराधिक गतिविधियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि महाराष्ट्र एक प्रोग्रेसिव स्टेट है, जहां गुंडागर्दी बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
शिंदे ने कहा कि अगर लोग अपराध-मुक्त मोहोल चाहते हैं तो उन्हें शिवसेना को सपोर्ट करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब वह किसी के साथ खड़े होते हैं, तो फिर परिणाम से नहीं डरते हैं। उन्होंने कहा, “मेरा एजेंडा सिर्फ विकास, विकास और विकास है।
पूर्व BJP विधायक के बेटे पर आरोप
इसी बीच, सोलापुर जिले के एनसीपी के अध्यक्ष उमेश पाटिल ने कहा कि इस मामले में एक पूर्व भाजपा विधायक का बेटा मुख्य आरोपी है। उन्होंने कहा, 2007 में निचली अदालत ने सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर की हुई है और यह मामला अभी भी लंबित है।



