महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 12 जुलाई को द्विवार्षिक चुनाव

महाराष्ट्र विधान परिषद के 12 जुलाई को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए दो निर्दलीय उम्मीदवारों के नामांकन पत्र जांच के दौरान खारिज कर दिए जाने के बाद राज्य विधानमंडल के उच्च सदन की 11 सीटों के लिए अब 12 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।

बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान दो निर्दलीय उम्मीदवारों अजयसिंह मोतीसिंह सेंगर और अरुण रोहिदास जगताप के नामांकन खारिज कर दिए गए। इसके साथ ही अब चुनाव मैदान में 12 उम्मीदवार रह गए हैं। अगर इनमें से कोई उम्मीदवार नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि पांच जुलाई तक नामांकन वापस नहीं लेता है तो विधायक कोटे से विधान परिषद के लिए चुनाव 12 जुलाई को होंगे।

उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर

इस चुनाव के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के नौ और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (मविआ) के तीन उम्मीदवारों ने मंगलवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने मौजूदा विधायक प्रज्ञा सातव को फिर से उम्मीदवार बनाया है, जबकि राकांपा (शपा) मौजूदा एमएलसी और किसान एवं श्रमिक पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के नेता जयंत पाटिल का समर्थन कर रही है। ये तीनों पार्टियां विपक्षी मविआ के घटक हैं।

लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया

सत्तारूढ़ दल की ओर से भाजपा ने पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे, अमित गोरखे, सदाभाऊ खोत, योगेश तिलेकर और परिणय फुके को टिकट दिया है। मुख्यमंत्री शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने पूर्व सांसद कृपाल तुमाणे और भावना गवली को मैदान में उतारा है। दोनों को हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया गया था। तुमाणे और गवली को टिकट दिए जाने को उनके राजनीतिक पुनर्वास के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था।

14 रिक्तियों के कारण विधानसभा की वर्तमान क्षमता 274

राकांपा (अजीत) ने राजेश विटेकर और शिवाजीराव गर्जे को उम्मीदवार बनाया है। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 14 रिक्तियों के कारण विधानसभा की वर्तमान क्षमता 274 है। इसलिए जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए कोटा 23 मतों का है। विधानसभा में भाजपा के 103 सदस्य हैं। उसके बाद राकांपा(अजीत) के 40 और शिवसेना (शिंदे) के 38 सदस्य हैं।

विपक्षी दलों में कांग्रेस के पास सर्वाधिक 37 विधायक हैं। शिवसेना (यूबीटी) के 15 और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के 10 विधायक हैं। यदि सभी प्रत्याशी मैदान में रहे तो

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