
एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यमुना में सीवेज और नाले बहाने के लिए आगरा नगर निगम पर 67.92 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। तय समय बीतने के बाद भी निगम ने न तो राशि जमा की और न ही नोटिस का जवाब दिया।
यमुना में सीवेज और नाले बहाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम पर 67.92 करोड़ रुपये से अधिक की पर्यावरण को क्षति का जुर्माना लगाया था, लेकिन नगर निगम ने तय समय सीमा खत्म होने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस का जवाब नहीं दिया। न 67.92 करोड़ का जुर्माना जमा कराया।
याचिकाकर्ता संजय कुलश्रेष्ठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जन सूचना अधिकार में जानकारी मांगी, तब यह खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वृत्त-4 में मुख्य पर्यावरण अधिकारी रामगोपाल ने 6 दिसंबर 2024 को 67.92 करोड़ रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित किए जाने का नोटिस नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल को भेजा था। पर्यावरणविद् संजय कुलश्रेष्ठ की याचिका पर एनजीटी ने 24 अप्रैल 2024 को यह आदेश पारित किया था। जिसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले चरण में नगर निगम को 23 फरवरी 2023 से 7 दिसंबर 2023 तक 288 दिन में पर्यावरण क्षति के रूप में 58.49 लाख रुपये का जुर्माना नोटिस भेजा था।
निगम ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। फिर 6 नवंबर 2024 तक 335 दिन में जुर्माना राशि बढ़कर 67.92 करोड़ रुपये का दूसरा नोटिस भेजा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आरटीआई में बताया कि 21 अगस्त 2025 तक नगर निगम ने पर्यावरण क्षतिपूर्ति के नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया है। याचिकाकर्ता संजय कुलश्रेष्ठ का कहना है नगर निगम का रवैया एनजीटी के आदेशों की अवेहलना है। सक्षम विभाग कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन नहीं करा रहे। नगरायुक्त व अन्य सक्षम अधिकारियों के विरुद्ध आदेश का पालन नहीं कराने की शिकायत एनजीटी में दर्ज कराई जाएगी।
नाले रोज घोल रहे 6.52 करोड़ लीटर गंदगी
शहर में सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) कुल 220.75 एमएलडी है। जबकि 90 नालों का डिस्चार्ज 286 एमएलडी है। इस तरह एसटीपी व नालों के डिस्चार्ज में 65.25 एमएलडी यानी 6.52 करोड़ लीटर गंदगी प्रतिदिन यमुना में प्रवाहित हो रही है। एक पैसा प्रति लीटर के हिसाब से 335 दिन में 21,85,87,500 रुपये पर्यावरण क्षति हुई। इसके अलावा 9 एसटीपी की क्षमता 220.75 एमएलडी है, जबकि उपयोग क्षमता 175 एमएलडी है। इस तरह 45.75 एमएलडी यानी 4.57 करोड़ लीटर से अधिक सीवेज यमुना में गिर रहा है। इस तरह 15,32,62,500 रुपये क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई। बूढ़ी का नगला, धांधुपुरा, कालिंदी विहार, पीलाखार एसटीपी मानकों की पूर्ति नहीं करने पर 91.75 एमएलडी सीवेज यमुना में गिर रहा है। जिस पर 30,73,62,500 रुपये जुर्माना लगाया है। तीनों को मिलाकर कुल 67,92,12,500 रुपये जुर्माना नगर निगम को जमा कराना है।