चुनावी समीकरण साधने में माहिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार शालिनी यादव को चार लाख 79 हजार 505 मतों से परास्त कर वाराणसी सीट पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की।
पीएम मोदी को 6,67,664 मत मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की शालिनी यादव को 1,95,159 वोट मिले। पूर्वांचल में सबसे कम वोट से जीतने का रिकॉर्ड भी भाजपा के नाम रहा।
जौनपुर जिले की मछलीशहर सुरक्षित सीट पर भाजपा प्रत्याशी वीपी सरोज मात्र 181 वोट से विजयी हुए। उन्होंने बसपा के त्रिभुवन राम को शिकस्त दी। वीपी सरोज को 4,88,397 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के त्रिभुवन राम को 4,88,216 मत प्राप्त हुए।
सलेमपुर में दो बार जीती बसपा
वहीं, प्रदेश की सत्ता पर पूर्ण बहुमत से काबिज रह चुकी और अपना विशेष वोटबैंक रखने वाली बसपा सलेमपुर सीट से दो बार जीत दर्ज कर चुकी है। पहली बार 1999 में बब्बन राजभर ने पार्टी को सलेमपुर से जीत दिलाई थी।
उसके बाद 2009 में रमाशंकर राजभर भी बसपा से सांसद बने। ये दीगर बात है कि एक से एक दिग्गजों के चुनाव लड़ने के बाद भी बसपा बलिया सीट अपने नाम नहीं कर पाई है। 2009 के चुनाव में सपा से गठबंधन में यह सीट सपा के पास चली गई।
2014 में पूर्व मंत्री बच्चा पाठक के परिवार से विरेंद्र पाठक लड़े और चौथे स्थान पर रहे। 2009 में संग्राम यादव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे। 2004 में कपिलदेव यादव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे। अन्य चुनावों में भी यहीं हाल रहा।