उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में 12 लोगों की मौत हो गई। यहां पर बारिश और आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला। बारिश से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ और जल जमाव की समस्या के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों व नगर निकाय के अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
इन जिलों में बरपा बारिश का कहर
एक बयान में राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार कहा गया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे में घटित हुईं विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में कुल 12 लोगों की मौत हुई है। इनमें आकाशीय बिजली से जनपद मैनपुरी, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, रायबरेली तथा गोरखपुर में एक-एक, अतिवृष्टि से जनपद रायबरेली तथा मैनपुरी में एक-एक तथा डूबने से बुलन्दशहर, कन्नौज, फिरोजाबाद, उन्नाव एवं पीलीभीत में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
सीएम ने दिए सतर्कता बरतने के निर्देश
बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ और जल जमाव की समस्या के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों व नगर निकाय के अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि भारी बारिश के कारण जल जमाव के खतरे बने हुए हैं, इसका तत्काल समाधान निकाला जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण या नेपाल से आने वाली नदियों में अत्यधिक पानी के कारण गांवों में पानी भर गया है, उन क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन सुरक्षित स्थानों एवं शिविरों में पुनर्स्थापित कर राहत सामग्री प्रदान की जाए।
उत्तर प्रदेश में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बीच नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और कुशीनगर, बलरामपुर तथा श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। राज्य सरकार की ओर से रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को राहत अभियान चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। बयान के अनुसार श्रावस्ती जिले में बाढ़ में फंसे 11 और कुशीनगर जिले के 76 लोगों को बाहर निकाला गया है।