यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से राहत दिलाने में बेहद असरदार है ये चाय

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, यूरिनरी सिस्टम में होने वाला एक तरह का इन्फेक्शन है। वैसे तो यह पुरुषों और महिलाओं किसी को भी हो सकता है, लेकिन महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं। एक रिसर्च के अनुसार महिलाओं से इस इन्फेक्शन के होने का खतरा लगभग 60% तक होता है, वहीं पुरुषों में 13% समय रहते इसका उपचार बहुत जरूरी है वरना ये और ज्यादा गंभीर हो सकता है। आइए जानते हैं इस प्रॉब्लम के लक्षण, बचाव और इससे राहत पाने के घरेलू उपचार के बारे में।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लक्षण

– बार-बार पेशाब लगना

– पेशाब करते वक्त जलन होना

– पेशाब में बदबू

– पेशाब के रंग में बदलाव

– कमर के साथ पेट के निचले हिस्से में दर्द होना

डॉ. अंकिता ढेलिया, जो पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से निपटने के लिए जौ का पानी या चाय कुछ भी कह सकते हैं इसकी रेसिपी शेयर की है। यूटीआई के साथ ही इस चाय को पीने से और भी कई फायदे मिलते हैं। जान लें यहां इसके बारे में।

जौ का पानी या चाय पीने से दूर होती है यूटीआई प्रॉब्लम

– सबसे पहले जौ के बीज को दो से तीन बार पानी से धोकर रातभर या लगभग 4 घंटे के लिए भिगोकर कर दें।

– इसके बाद एक पैन में लगभग एक ग्लास पानी गर्म होने के लिए रख दें।

– इसमें भिगोए हुए जौ के बीज, 2 इलायची, 2 काली मिर्च, 1 चम्मच सौंफ, 1 चम्मच जीरा डालें। इस पानी को कम से कम 5 मिनट तक अच्छे से उबाल लें।

– इसके बाद इसे ग्लास में छान लें। स्वाद को बेहतर बनाने के लिए ऊपर से नींबू का रस डालें। आप इसमें थोड़ा सा दालचीनी भी मिला सकती हैं।

– इसे गर्मा-गरम ही पीना है।

कब पिएं?

रोजाना सुबह इसे खाली पेट कम से कम 4 से 5 दिनों तक पिएं। बिना दवाइयों के यूटीआई की प्रॉब्लम दूर हो जाएगी।

अन्य फायदे

– इस चाय को पीने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं।

– इस पीने से किडनी की भी सफाई हो जाती है।

– इस चाय में कई सारे मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो पाचन दुरुस्त रखते हैं।

– इस चाय को पीने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव के उपाय

– दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना है जरूरी।

– प्राइवेट पार्ट्स की साफ और सूखा रखें।

– पेशाब को रोककर न रखें।

– प्राइवेट पार्ट की सफाई के लिए इंटीमेट वॉश का बहुत ज्यादा इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।

– कॉटन अंडरवेयर पहनें।

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