महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी। इससे पहले सभी राजनीतिक दल जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हैं। इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए नंदुरबार पहुंचे, जहां पर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी आदिवासियों को वनवासी कहकर उनका हक छीनने की कोशिश में है।
दरअसल, महाराष्ट्र में अनुसूचित जनजाति के लिए 25 सीटें आरक्षित हैं। इनमें सबसे अधिक सीटें उत्तर महाराष्ट्र में हैं। चूकी नंदुरबार एक समय में कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग माना जाता था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत यहीं से करती थीं। वहीं, सोनिया गांधी ने भी विधिवत राजनीति में प्रवेश से पहले यहीं अपनी पहली सार्वजनिक सभा की थी। अब इसी क्षेत्र से राहुल गांधी ने भी अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मुद्दे उठाकर राज्य की अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सभी सीटों को संदेश देने का काम किया है।
अनुसूचित जनजाति को साधने की कोशिश में कांग्रेस
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए राहुल गांधी गुरुवार को नंदुरबार पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपने हाथ में संविधान की लाल किताब लहराते हुए कहा कि इस किताब में आपका नाम आदिवासी लिखा है। राहुल गांधी ने बताया कि आदिवासी का मतलब है, हिंदुस्तान के पहले मालिक। जल, जंगल, जमीन पर पहला मालिकाना हक आदिवासियों का है। इस दौरान उन्होंने लोगों से सवाल किया कि जब आपके जंगल बचेंगे ही नहीं, तो आप कहां जाएंगे। तब आपको दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
नंदुरबार में राहुल गांधी ने बिरसा मुंडा का नाम लेते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने आपके अधिकारों के लिए ही लड़ाई लड़ी और शहीद हुए। उन्होंने कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी आठ प्रतिशत है। साफ शब्दों में राहुल गांधी ने कहा कि अगर आदिवासियों की आबादी आठ प्रतिशत है, तो उनकी भागीदारी भी आठ प्रतिशत होनी चाहिए। लेकिन देश में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने वाले 90 अफसरों में सिर्फ एक अफसर आदिवासी है। उसे भी कोने में सबसे पीछे बैठा रखा है।
मनरेगा में केवल आदिवासी और दलित क्यों?
उल्लेखनीय है कि इस सभा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मीडिया संस्थानों को भी जातीय राजनीति में खींचते हुए कहा कि टीवी चैनलों के एंकरों में एक भी आदिवासी या दलित का नाम निकालकर बता दीजिए। उन्होंने कहा कि मनरेगा में सब आदिवासी और दलित ही मिलते हैं। हम इस स्थिति में बदलाव लाना चाहते हैं। बदलाव लाने का तरीका जातीय जनगणना है। हम जातीय जनगणना कराएंगे और जितना पैसा मोदी उद्योगपतियों के ऋण माफ करने के लिए देते हैं, उतना पैसा हम आपके खाते में खटाखट खटाखट डालकर दिखाएंगे।