
औरत होना आसान काम नहीं होता है। महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के भयंकर दर्द से गुजरना पड़ता है। जब औरत गर्भ धारण करती है तो 9 महीने उसके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस कारण कई दिक्कतें सहनी पड़ती हैं। हर महीने होने वाले पीरियड्स की बात करें तो इस दौरान महिलाओं को पेट दर्द और ऐंठन, सिर दर्द, ब्लोटिंग और कमर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कई बार तो पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। ये असामान्य बदलाव शरीर में किसी समस्या का संकेत हो सकते हैं। इन्हें ही अनहेल्दी पीरियड्स कहा जाता है। आज हम आपको कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अनहेल्दी पीरियड्स की ओर इशारा करते हैं। इन्हें नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से-
बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग
अगर आपके पीरियड्स में ब्लीडिंग बहुत ज्यादा या कम होती है तो ये अनहेल्दी पीरियड्स का संकेत हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे हार्मोनल असंतुलन, थाइरॉइड की समस्या या फिर यूटेराइन फाइब्रॉयड या पॉलीप्स। इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अधिक दर्द होना
पीरियड्स के दौरान बर्दाश्त करने लायक दर्द होना तो सामान्य होता है, लेकिन अगर आपको असहनीय पेट या पीठ दर्द हो रहा है तो ये चिंता का विषय हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या यूटेरिन फाइब्रॉयड का संकेत हो सकता है।
अनियमित मासिक धर्म
अगर आपके पीरियड्स समय से नहीं आते हैं तो ये हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। ऐसे में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), थाइरॉइड डिसऑर्डर, तेजी से वजन बढ़ना या घटना और तनाव की समस्या हो सकती है।
पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग या ब्लीडिंग
अगर आपके पीरियड्स के बीच अचानक ब्लीडिंग होती है या स्पॉटिंग देखने को मिलती है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे हार्मोनल गर्भनिरोधक का साइड इफेक्ट, यूटेराइन या सर्वाइकल इंफेक्शन या फिर गर्भाशय की कोई गड़बड़ी।
रंग और गंध में बदलाव
पीरियड्स का रंग हल्का लाल से लेकर गहरा भूरा तक हो सकता है, लेकिन अगर ब्लड का रंग काला या बहुत बदबूदार हो, तो यह इंफेक्शन या अन्य समस्या का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स बहुत लंबे समय तक चलना
अगर ब्लीडिंग 7 दिन से ज्यादा चलती है, तो इसे भारी मासिक धर्म (menorrhagia) कहा जाता है और इसका इलाज जरूरी है।
क्या करें?
हर महीने पीरियड्स की तारीख और मात्रा नोटिस करें।
हेल्दी डाइट लें।
एक्सरसाइज करें।
ज्यादा दर्द या अनियमितता होने पर डॉक्टर से मिलें।
सेल्फ मेडिकेशन से बचें।