
राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से राजस्थान एसआई भर्ती पर टिप्पणी एवं भर्ती रद्द करने के बाद आरपीएससी की सदस्य प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को लिखे इस्तीफे में कहा कि अपने कार्यकाल में पारदर्शिता और ईमानदारी से कार्य किया है और वे अब इस पद से इस्तीफा दे रही हैं।
एसआई भर्ती-2021 परीक्षा में पेपर लीक और धांधली के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की सदस्य मंजू शर्मा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल के नाम लिखे इस्तीफे में कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पारदर्शिता और ईमानदारी से कार्य किया है। हाल ही में एक भर्ती प्रक्रिया में उत्पन्न विवाद के कारण उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित हुई है, जबकि उनके खिलाफ कोई जांच लंबित नहीं है और न ही उन्हें किसी मामले में अभियुक्त माना गया है।
पेपर लीक के चलते राजस्थान हाई कोर्ट ने भर्ती की रद
गौरतलब है कि 2021 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आयोजित एसआई भर्ती परीक्षा को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरपीएससी के कुछ सदस्यों ने पेपर लीक में भूमिका निभाई। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि घर के भेदियों ने ही लंका ढहा दी।
रामू राम राईका सहित 23 को मिली जमानत
राजस्थान हाई कोर्ट से सोमवार को एसआइ भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामू राम राईका सहित 23 आरोपितों को जमानत मिल गई। इनमें प्रशिक्षु एसआइ, डमी कैंडिडेट और पेपर खरीदने वाले शामिल हैं। न्यायालय ने 30 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। न्यायाधीश अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने कहा कि आरोपित लंबे समय से जेल में हैं और अब उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
गड़बड़ी के चलते 150 लोगों को किया गया था गिरफ्तार
इस भर्ती परीक्षा में कई गड़बड़ियां देखने को मिली थीं। इसमें नकल के साथ ही कई डमी कैंडिडेट की बैठने की खबर सामने आई थी। परीक्षा में गड़बड़ियां पाए जाने के बाद सरकार ने एसओजी को इसकी जांच करने का जिम्मा दिया था। एसओजी जांच में डमी कैंडिडट होने की बात सच हुई है इसके बाद 50 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के दो सहित सहित कुल 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद भर्ती रद्द करने का फैसला जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ द्वारा सुनाया गया।