
प्रदेश की भजनलाल सरकार भी जिलों के नाम बदलने की सियासत में कूद पड़ी है। भजनलाल सरकार खैरथल-तिजारा जिले का नाम और मुख्यालय बदलना चाहती है, इसके लिए राजस्व विभाग के प्रस्ताव को सीएम भजनलाल शर्मा मंजूरी भी दे चुके हैं। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव विधानसभा में रखा जाएगा और वहां से उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद नाम बदला जा सकेगा। जिले का नाम बदलने के साथ जिला मुख्यालय का नाम बदलने का प्रस्ताव भी है। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने जिलों के पुनर्गठन के दौरान खैरथल-तिजारा को नया जिला घोषित किया था।
संभावना है कि राज्य सरकार मानसून सत्र में इस प्रस्ताव को विधानसभा में मंजूरी के लिए ला सकती है। इससे पहले राजस्व विभाग इसे कैबिनेट के समक्ष रखेगा। विधानसभा से मंजूरी मिलने के बाद यह केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा और वहां से अनुमति मिलने के बाद नाम बदला जा सकेगा। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पोस्ट डालकर इस फैसले का स्वागत किया।
बीजेपी सांसद ने किया स्वागत
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने खैरथल-तिजारा का नाम बदलने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि खैरथल-तिजारा जिले का नाम महान तपस्वी बाबा भर्तृहरि नाथ महाराज के नाम पर रखे जाने के फैसले का मैं स्वागत करता हूं। अलवर बाबा भर्तृहरि की तपोभूमि रही है। इस निर्णय से क्षेत्र के सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
कांग्रेस विधायक बोले गांव में घुस नहीं पाएंगे
इधर खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलने पर किशनगढ़बास से कांग्रेस विधायक दीपचंद खैरिया आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी और जगह जिला मुख्यालय बनाया तो गांव में घुस नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले का मुकाबला तो जनता करेगी। वो गांव में घुस नहीं पाएंगे।