राम मंदिर का गेट संख्या-11 अगले 3 दिन में होगा बंद

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित भव्य राम मंदिर के वीवीआईपी प्रवेश द्वार संख्या-11 को अगले तीन दिनों में बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद, रामजन्मभूमि परिसर में वीवीआइपी अतिथियों का प्रवेश गेट संख्या-3 से होगा, जो रामपथ पर स्थित है और क्षीरेश्वरनाथ मंदिर के पास स्थित है। इसके अलावा, कुछ समय बाद उत्तरी दिशा में वेद मंदिर के पास एक नया प्रवेश द्वार भी तैयार किया जाएगा, जिसे विकल्प के रूप में उपयोग किया जाएगा। इस रास्ते से भी वीवीआइपी अतिथियों को रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश मिलेगा। निर्माण कार्यों के लिए स्थान चयन और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा रामजन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के अलावा 18 अन्य मंदिरों और विभिन्न प्रकल्पों का निर्माण भी चल रहा है। कुछ प्रकल्पों का निर्माण प्रारंभ हो चुका है, जबकि कुछ का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। इन प्रकल्पों में संत निवास, आडिटोरियम और ट्रस्ट कार्यालय शामिल हैं। इस सिलसिले में रविवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र के नेतृत्व में कार्यदायी एजेंसियों के अधिकारियों, एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे और अन्य सुरक्षाबलों के अधिकारियों ने परिसर का निरीक्षण किया और स्थल चयन व सुरक्षा व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया। उत्तरी दिशा में नए प्रवेश द्वार का निर्माण शुरू रामजन्मभूमि परिसर के सभी प्रवेश द्वारों के निर्माण पर भी विचार किया गया। उत्तरी दिशा में स्थित नए प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा, संत निवास, ट्रस्ट कार्यालय और आडिटोरियम के लिए गेट संख्या-11 के पास भूमि का चयन किया गया है। इन प्रकल्पों का निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा। गेट संख्या-11 का होगा पुनर्निर्माण गेट संख्या-11 को बंद करने के बाद इसका पुनर्निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। यह जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई है। राम मंदिर के व्यवस्थापक और विहिप पदाधिकारी गोपाल राव ने बताया कि वीवीआइपी अतिथियों को अब गेट संख्या-3 से प्रवेश कराया जाएगा, क्योंकि यहां एक नई सड़क पहले ही बनाई जा चुकी है। कुछ समय बाद उत्तरी दिशा के नए प्रवेश द्वार का निर्माण पूरा होने पर, उसे भी वीवीआइपी प्रवेश के लिए उपयोग किया जाएगा। इस तरह, रामजन्मभूमि परिसर में प्रकल्पों के निर्माण के चलते कई बदलाव हो रहे हैं, ताकि परिसर की सुंदरता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सकें।
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