रिश्वत लेने का आरोपी रोडवेज आरएम कार्यालय का बाबू निलंबित, कोर्ट ने भेजा जेल

संविदा चालक से नियुक्ति के नाम पर 50 हजार रुपये घूस लेने में गिरफ्तार रोडवेज आरएम कार्यालय के बाबू रियाजुद्दीन को विभाग ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया है। बाबू को कोर्ट ने जेल भेज दिया। उधर, आरएम गौरव वर्मा के खिलाफ सिगरा थाने में दर्ज मुकदमा के बाद से पुलिस ने जांच तेज कर दी है। शुक्रवार को आरएम कार्यालय दिन भर बंद रहा।

एंटी करप्शन टीम के अनुसार रियाजुद्दीन ने विभाग के एक बड़े अधिकारी और अन्य दो कर्मियों पर वसूली कराने का आरोप लगाया है। उन कर्मियों से भी जल्द पूछताछ होगी। मिर्जापुर के हलिया थाना क्षेत्र के अहुंगी कला निवासी संविदा चालक रमेश कुमार सिंह की शिकायत पर गुरुवार की दोपहर एंटी करप्शन वाराणसी यूनिट की टीम ने आरएम कार्यालय से लेखा विभाग के कनिष्ठ लिपिक रियाजुद्दीन को 50 हजार घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। बलिया के उभांव थाना क्षेत्र के फरसातार गांव निवासी रियाजुद्दीन पर आरोप है कि उसने संविदा चालक से नियुक्ति के नाम पर 50 हजार मांगे थे।

पानी सिर के ऊपर से बह रहा…

निगम में संविदा चालकों व परिचालकों को निलंबित करने और फिर उन्हें बहाल कराए जाने का खेल बहुत पुराना है। पुराने कर्मचारी बताते हैं कि इस समय अति हो गई है। छोटे-छोटे काम के लिए भी पैसे की मांग होती है। पानी सिर के ऊपर गया तभी मामला एंटी करप्शन तक पहुंचा। नए अधिकारी और नए बाबूओं ने हाथ में कमान आते ही रोडवेज को आरटीओ समझ लिया है। शासन स्तर से यहां के अधिकारियों और उनके बाबूओं की जांच करानी चाहिए।

एक अधिकारी के वाहन चालक पर भी आरोप
रोडवेज में एक अधिकारी का वाहन चालक भी संविदा के चालकों, परिचालकों के अलावा डग्गामार वाहनों के चालकों से पैसे वसूलता है। रात और सुबह के समय डग्गामार वाहन चालक रोडवेज परिक्षेत्र से सवारियां बैठाते हैं। इसके एवज में बड़े अधिकारी का वाहन चालक ही पैसा वसूलता है। एंटी करप्शन टीम की जांच में यह बात सामने आई है।

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