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एसएस राजामौली का फिल्मी करियर भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। एक ऐसे निर्देशक जिन्होंने तेलुगु सिनेमा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। आज वह सिनेमा जगत के बेहतरीन निर्देशकों में गिने जाते हैं। मगर करण जौहर ने उनकी फिल्मों को बिना लॉजिक का बताया है।
बाहुबली और आरआरआर जैसी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्मों में शुमार मूवीज का निर्देशन एसएस राजामौली (SS Rajamouli) ने किया है। मगर करण का मानना है कि राजामौली की फिल्मों में कोई लॉजिक नहीं होता है क्योंकि उनकी फिल्में विश्वास पर आधारित होती हैं।
राजामौली की फिल्मों में नहीं होता लॉजिक
करण जौहर को लगता है कि महान फिल्ममेकर्स की ब्लॉकबस्टर फिल्मों का लॉजिक से कोई मतलब नहीं होता है। कोमल नाहटा के साथ बातचीत में करण ने कहा, दृढ़ विश्वास बहुत जरूरी है। अगर आप किसी भी चीज को देखें, खासकर अगर आप बेस्ट फिल्ममेकर्स की जर्नी का विश्लेषण करें तो आप देखेंगे कि सबसे बड़ी हिट फिल्में दृढ़ विश्वास पर ही बनी हैं। किसी फिल्म में लॉजिक मायने नहीं रखता। उदाहरण के लिए राजामौली सर की कोई भी फिल्म उठा लें, आपको लॉजिक कहां दिखता है? आपको सिर्फ दृढ़ विश्वास दिखता है। जब दृढ़ विश्वास सबसे आगे आता है तो दर्शक भी उस पर विश्वास करते हैं।
गदर के सीन का दिया उदाहरण
करण जौहर ने ब्लॉकबस्टर फिल्मों का जिक्र किया, जिसमें लॉजिक से ज्यादा दृढ़ विश्वास है। उन्होंने कहा, “बड़ी फिल्मों को देखें – चाहे वह एनिमल हो, आरआरआर हो या गदर – ये फिल्में दृढ़ विश्वास के साथ बनाई गई हैं। अगर आप एक हैंडपंप से हजारों लोगों को हरा सकते हैं, तो यह दृढ़ विश्वास है, है न? अनिल शर्मा का मानना है कि सनी देओल ऐसा कर सकते हैं। यह दृढ़ विश्वास है।”
करण जौहर ने कहा कि प्रॉब्लम तब होती है जब फिल्ममेकर्स खुद पर शक करने लगते हैं और ऑडियस को लेकर अनुमान लगाने के चक्कर में लॉजिक पर ध्यान लगाने लगते हैं। मालूम हो कि एसएस राजामौली एक और मच अवेटेड फिल्म लाने जा रहे हैं, जिसमें प्रियंका चोपड़ा और महेश बाबू लीड रोल निभा रहे हैं। अभी टाइटल की अनाउंसमेंट नहीं हुई है।