जिस महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन को सबसे मजबूत माना जा रहा था, वहां भी आज महाविकास आघाड़ी (मविआ) गठबंधन की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं। शिवसेना (यूबीटी) द्वारा अपने 17 प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उस पर गठबंधन धर्म का पालन न करने का आरोप लगाने लगे हैं।
बातचीत भी हुई बंद!
कांग्रेस को तीन सीटों पर आपत्ति है। मविआ गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर इसमें शामिल दल शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शपा) और कांग्रेस किसी निष्कर्ष पर पहुंचते दिखाई नहीं दे रहे थे। यहां तक कि शिवसेना (यूबीटी) एवं कांग्रेस के नेताओं में तो बातचीत भी बंद हो चुकी थी। इन दोनों दलों के नेता शरद पवार के माध्यम से समझौते का प्रयास करते दिखाई दे रहे थे।
सीटों पर नहीं बनी सहमति
कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) में मुख्य झगड़ा सांगली और भिवंडी की सीट को लेकर चल रहा था। कांग्रेस इन सीटों पर अपना परंपरागत अधिकार बता रही थी जबकि शिवसेना (यूबीटी) ये सीटें छोड़ने को तैयार नहीं थी। दोनों दलों में ये बातचीत किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ही शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार सुबह संवाददाता सम्मेलन बुलाकर अपनी पार्टी के 17 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इनमें सांगली और उत्तर-पश्चिम मुंबई की सीटें भी शामिल हैं, जिन पर कांग्रेस अपना दावा करती आ रही थी।
कांग्रेस की खुली नाराजगी
शिवसेना (यूबीटी) की यह सूची जारी होते ही कांग्रेस की नाराजगी खुलकर सामने आ गई। उसके नेता शिवसेना (यूबीटी) पर गठबंधन धर्म न निभाने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता बालासाहब थोरात ने शिवसेना (यूबीटी) की सूची पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। उद्धव ठाकरे ने आज शिवसेना प्रत्याशियों की सूची कर दी। इनमें सांगली सहित मुंबई की वे सीटें भी शामिल हैं, जिन पर बातचीत अभी चल ही रही थी।
थोरात का कहना है कि अभी भी समय बीता नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए। उत्तर-पश्चिम मुंबई की जिस सीट पर शिवसेना (यूबीटी) ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है, उस पर पूर्व सांसद संजय निरुपम अपनी दावेदारी पेश करते आ रहे थे। आज शिवसेना (यूबीटी) की सूची आने के बाद वह ज्यादा आक्रामक दिखे। घोषित प्रत्याशी अमोल कीर्तिकर पर कोविड महामारी के दौरान खिचड़ी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह ऐसे प्रत्याशी के लिए कतई काम नहीं करेंगे।
मुंबई कांग्रेस की ओर से भी शिवसेना (यूबीटी) के साथ सहयोग न करने के संकेत मिल रहे हैं। मंगलवार को दक्षिण मुंबई के लिए मिलकर प्रचार करने की बैठक दोनों दलों में हुई थी। लेकिन अन्य सीटों के लिए कांग्रेस ऐसा करने से कतराने लगी है।
मुंबई कांग्रेस प्रवक्ता निजामुद्दीन राईन का कहना है कि दक्षिण मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंद सांसद हैं। इसलिए एक दिन पहले उनके समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिवसेना (यूबीटी) के साथ बैठक की। लेकिन कांग्रेस की अन्य सीटों के लिए तभी साथ काम होगा, जब ऊपर से निर्देश मिलेंगे। बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) प्रत्याशियों की सूची आने के बाद वंचित बहुजन आघाड़ी के मुखिया प्रकाश आंबेडकर भी इस गठबंधन से किनारा करने की घोषणा कर चुके हैं।