संभल हिंसा: अधिकारियों और पीड़ितों के आज दर्ज होंगे बयान

संभल बवाल की न्यायिक जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग शुक्रवार और शनिवार को शहर में रहेगा। आयोग आम जनता और अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान दर्ज करेगा। रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित आयोग में पूर्व डीजीपी एके जैन और पूर्व आईएएस अमित मोहन प्रसाद सदस्य हैं।

संभल में 24 नवंबर को हुए बवाल के मामले में बयान दर्ज करने के लिए न्यायिक जांच आयोग की तीन सदस्यीय टीम शुक्रवार को शहर में रहेगी। आयोग के सदस्य संभल के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आम लोगों के बयान दर्ज करेंगे। टीम के सदस्य शनिवार को भी जिले में रहेंगे और बवाल के दौरान मौजूद अधिकारी व कर्मचारियों से भी बयान दर्ज करेंगे।

मालूम हो जामा मस्जिद सर्वे के दौरान बवाल हो गया था। इसमें पांच लोगों की जान गई थी। 29 पुलिसकर्मी और कई लोग घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग की थी और आगजनी व तोड़फोड़ कर दी थी। इस घटना के चलते तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था।

इस तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग में रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा अध्यक्ष हैं। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीजीपी एके जैन व रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद सदस्य के रूप में शामिल हैं।

सभी दंगों की रिपोर्ट हो रही तैयार
संभल पुलिस शहर में 1978, 1986 और 1992 में हुए दंगों की जांच पड़ताल करने में जुटी है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजा जाएगी। एसपी का कहना है कि शासन स्तर से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी। उसके आधार पर ही उन तीनों दंगों की रिपोर्ट तैयार हो रही है। बताया कि मुकदमों की स्थिति को भी देखा जाएगा।

23 जनवरी को न्यायिक जांच आयोग के सामने कुछ लोग पहुंचे थे। उन्होंने 1978, 1986 और 1992 के दंगों से पीड़ित होने की बात कही थी। साथ ही बताया था कि उन्हें इन तीनों दंगों में जान और माल का नुकसान हुआ था लेकिन न्याय नहीं मिला। इन परिवारों ने जांच कराने के लिए मांग उठाई थी।

इसी मांग को मानते हुए रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। एसपी का कहना है कि दंगों में कितने लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी और उन मुकदमों में क्या स्थिति है। इन सभी बिंदुओं को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उसके बाद शासन को भेजी जाएगी। रिकॉर्ड मुरादाबाद में है। इसलिए समय लग रहा है।

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