समय को कैसे देखते हैं आप? जानें मोनोक्रोनिक और पॉलीक्रोनिक लोगों के नजरिए से टाइम मैनेजमेंट का राज

हर इंसान समय को अलग ढंग से देखता है। कोई समय का पाबंद होता है तो कोई लचीला। जानें मोनोक्रोनिक और पॉलीक्रोनिक लोगों के समय देखने के नजरिए और सीखें बेहतर टाइम मैनेजमेंट के टिप्स।

हर इंसान समय को देखने और इस्तेमाल करने का तरीका अलग-अलग रखता है। कुछ लोग मोनोक्रोनिक होते हैं। यानी इनके लिए समय एक सीधी रेखा जैसा है, जैसे-तय समय पर पहुंचना और सब कुछ अनुशासन से करना। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग पॉलीक्रोनिक होते हैं। ये समय को लेकर ज्यादा लचीले होते हैं।

ये लोग एक ही समय में कई काम करना पसंद करते हैं। यही वजह है कि अगर कोई एक साथ कई काम करता है, तो इसका मतलब आलसी होना नहीं है। यह बस समय को देखने का उनका अलग नजरिया है। इसलिए जरूरी है कि आप पहले यह समझे कि आप किस तरह समय को देखते हैं। अगर आप यह पहचान लेंगे, तो आपको अपने काम में आसानी होगी। साथ ही, दूसरों के समय देखने के तरीके को समड़ाने में मदद मिलेगी।

काम जरूरी या रिश्ते
समय के उपयोग को समझने का एक आसान तरीका यह है कि आप रुकावटों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। अगर आप किसी काम में व्यस्त हैं और कॉल को टालकर काम पूरा करना पसंद करते हैं, तो ऐसे लोग समय को तय कामों की सूची की तरह मानते हैं और काम को रिश्तों से पहले रखते हैं। वहीं, अगर आप कॉल उठाकर बातचीत में समय देते हैं, भले ही बाकी काम पीछे रह जाए, तो ऐसे लोग रिश्तों और अनुभवों को ज्यादा अहमियत देते हैं, भले ही किसी अन्य कार्य के लिए देर हो जाए।

लचीले होना फायदेमंद
ध्यान केंद्रित करने वाले लोग (मोनोक्रोनिक) एक काम को पूरा होने तक करते हैं, जिससे वे कुशल और गहराई से काम कर पाते हैं, लेकिन कभी-कभी वे अचानक मिलने वाले मौकों को नजरअंदाज कर देते हैं। दूसरी ओर, कई काम एक साथ करने वाले लोग (पॉलीक्रोनिक) लचीले होते हैं, आसानी से हालात के हिसाब से ढल जाते हैं और उन्हें बेहतर तरीके से संभाल लेते हैं, जिससे वे भावनात्मक रूप से भी कम थकते हैं। हालांकि, उनके साथ दिक्कत यह होती है कि वे जल्दी ध्यान भटका सकते हैं और अक्सर काम अधूरा छोड़ने की समस्या में फंस जाते हैं।

सब आप पर निर्भर
समय का उपयोग कोई स्थायी गुण नहीं, बल्कि प्राथमिकता है, यानी आप चाहें तो अपनी जरूरत के अनुसार तरीका बदल सकते हैं। अगर रिश्ता बनाना चाहते हैं तो लोगों को समय दें, लेकिन अगर काम पूरा करना जरूरी है, तो ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहे। जो लोग बहुत टाइम टेबल से चलते हैं, वे बीच-बीच में थोड़ा अतिरिक्त समय रखें, ताकि देरी होने पर तनाव न बड़े। वहीं, जो लोग आसानी से शेड्यूल से भटक जाते हैं, वे काम या मीटिंग को तय समय से पहले लिख सकते हैं। समय के पाबंद लोग अगर दूसरों की देरी से चिढ़ते हैं, तो इंतजार के समय कोई किताब या काम साथ रखें, ताकि वो समय भी उत्पादक लगे। इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि हर कोई समय को हमारे जैसे नहीं देखता।

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