अगर आप अपने परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं, तो उसके लिए जीवन बीमा पॉलिसी सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक हो सकता है। लेकिन, कई बार लोग सिर्फ टैक्स बचाने के लिए पॉलिसी (Life Insurance Tax Benefits) ले लेते हैं।
इस तरह की पॉलिसी लेने वाले ज्यादा जांच-पड़ताल भी नहीं करते। जो उनका एजेंट बताता है, आंख बंद करके उस पर भरोसा कर लेते हैं। लेकिन, आपको टैक्स बचाने की जल्दबाजी में पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए।
बीमा और टैक्स का क्या है कनेक्शन?
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर Income Tax के सेक्शन 80सी के तहत सालाना डेढ़ लाख रुपये की छूट मिलती है। बीमा एजेंट पॉलिसी बेचते वक्त यही लालच दिखाते हैं और कई पर भारी प्रीमियम के जाल में फंसा लेते हैं।
टैक्स बचाने के लिए बीमा लेना चाहिए?
अगर आपका मकसद सिर्फ टैक्स (Income Tax 2024) बचाना है, तो आपको बीमा पॉलिसी से इतर दूसरे विकल्पों पर गौर करना चाहिए। सरकार की ही कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें निवेश करके आप अच्छा-खासा टैक्स तो बचा ही सकते हैं, साथ ही आपको शानदार रिटर्न भी मिलता है।
वहीं, इंश्योरेंस पॉलिसी की बात करें, तो इसमें कॉस्ट ज्यादा आती है। इसका असर आपके रिटर्न पर भी पड़ता है। कई बार तो रिटर्न घटकर महज 4 से 5 फीसदी रह जाता है।
बीमा पॉलिसी क्यों लेनी चाहिए?
बीमा पॉलिसी का पूरा मकसद अपने जोखिम को कवर करना होना चाहिए। जैसे कि हादसों में होने वाले शारीरिक और आर्थिक नुकसान की भरपाई। इनसे आपका और आपके परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित होता है। जीवन बीमा को टैक्स बचत वाले ऑप्शन के रूप में नहीं देखना चाहिए।
जनवरी-मार्च में रहना चाहिए ज्यादा सजगइंश्योरेंस कंपनियां जनवरी से मार्च के दौरान अपने एजेंट पर पॉलिसी बेचने के लिए ज्यादा दबाव बनाती हैं, क्योंकि उन्हें टारगेट पूरा करना होता है। इसी दौरान टैक्सपेयर्स भी टैक्स बचाने के विकल्प तलाशते हैं। ऐसे में एजेंट उन्हें ज्यादा टैक्स बचाने का सब्जबाग दिखाकर भारी भरकम प्रीमियम पर पॉलिसी बेच देते हैं।
ज्यादा रिटर्न पाना हैं, तो यहां पैसे लगाइए
सरकरा की कई बचत योजनाएं इंश्योरेंस पॉलिसी के मुकाबले कहीं बेहतर रिटर्न देती हैं। इनमें 80सी के तहत टैक्स पर छूट मिल जाती है। अब जैसे कि सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी रिटर्न मिल रहा है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) जैसी म्यूचुअल फंड स्कीम्स पर भी डेढ़ लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है। साथ ही इनमें रिटर्न भी 10 फीसदी से ज्यादा का मिल सकता है।