
रिलायंस पावर लिमिटेड ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर सफाई दी है। कंपनी ने कहा कि फर्जी बैंक गारंटी मामले में गिरफ्तार किए गए अमर नाथ दत्ता का कंपनी से कोई संबंध नहीं है। रिलायंस पावर लिमिटेड ने शेयर बाजार को शनिवार को इस संबंध में सूचना दी। कंपनी में कहा, ‘7 नवंबर, 2025 को जारी ईडी की प्रेस विज्ञप्ति से पता चला है कि फर्जी बैंक गारंटी के मामले में अमर नाथ दत्ता नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। रिलायंस पावर लिमिटेड यह स्पष्ट करना चाहता है कि अमर नाथ दत्ता का कंपनी से कोई संबंध नहीं है। इसका कंपनी और उसके व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’ रिलायंस पावर ने कहा, कंपनी, उसकी सहायक कंपनी, रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड और कर्मचारियों ने ईमानदारी से काम किया है। वे जालसाजी और धोखाधड़ी की साजिश का शिकार हो गए हैं। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि मीडिया ने इस मामले में अनिल अंबानी का के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया है। वह पिछले साढ़े तीन वर्षों से अधिक समय से रिलायंस पावर लिमिटेड के बोर्ड में नहीं हैं। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गत 6 नवंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अमर नाथ दत्ता को गिरफ्तार किया है।
सेबी की निवेशकों को चेतावनी- डिजिटल गोल्ड में निवेश जोखिम भरा है
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों को चेताया है कि डिजिटल गोल्ड में निवेश जोखिम भरा है। डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड में निवेश के लिए कई डिजिटल और प्लेटफॉर्म सक्रिय हैं। अपनी एडवाइजरी में सेबी ने कहा है कि ये नियामक ढांचे के बाहर हैं और इनमें निवेश जोखिम भरा है। सेबी ने कहा कि नियामक उत्पादों जैसे गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और इलेक्ट्रोनिक गोल्ड रिसीप्ट्स के जरिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है, लेकिन विभिन्न ऑनलाइन मंचों द्वारा डिजिटिल गोल्ड में निवेश पर सेबी का नियमन नहीं है। सेबी की यह एडवाइजरी ऐसे समय सामने आई है, जब एप आधारित और ऑनलाइन गोल्ड में निवेश बढ़ा है।



