
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025 में इस बार राजधानी लखनऊ का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। शहर को 200 में से 179 अंक मिले हैं, जो पिछले साल के 189 अंकों से 10 अंक कम है।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहरों में अपना शहर 10 पायदान नीचे खिसककर 15वें स्थान पर पहुंच गया है। शहर को 200 में से 179 अंक मिले हैं, जो पिछले साल के 189 अंकों से 10 अंक कम है।
इस सर्वेक्षण में तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में रायबरेली को 7वां स्थान मिला है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमईएफसीसी) की ओर से यह वार्षिक सर्वेक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सड़क धूल प्रबंधन, वाहन उत्सर्जन नियंत्रण, औद्योगिक उत्सर्जन में कमी जैसे मानकों पर शहरों का मूल्यांकन करता है। इस बार पर्यावरण की सेहत सुधारने में नगर निगम के प्रयास नहीं दिखे।
पिछले वर्ष लखनऊ 189 अंकों के साथ चौथे स्थान पर था, जबकि 2022 में यह 177.7 अंकों के साथ शीर्ष पर था। 2023 में 20 टन पुराने कचरे के जमा होने के कारण शहर ने सर्वेक्षण से बाहर होने का विकल्प चुना था।
नगर निगम के पर्यावरण अधिकारी संजीव प्रधान के अनुसार सर्वेक्षण में इस कमी के लिए आरटीओ, एलडीए और ग्रीन गैस सहित कई अन्य विभाग भी जिम्मेदार हैं, जिससे अंक कटे हैं।