हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने को लेकर जमकर बवाल हुआ। इलाके में सरकारी जमीन पर मलिक का बगीचा क्षेत्र में अवैध कब्जा ढहाने की पुलिस, प्रशासन ने योजना तो बना ली, लेकिन इलाके की तंग गलियों का चक्रव्यूह समझने में चूक गई। यही भूल, उसके लिए आत्मघाती साबित हुई। यही नहीं क्षेत्र में अतिक्रमण वाली जगह के चारों ओर बस्ती बसी है। यहां दो से तीन मंजिला मकान बने हैं, जिनकी गिनती हजारों में है। पुलिस-प्रशासन टीम पर सामने से उपद्रवियों के पथराव करते ही छतों से पत्थरों की बारिश होने लगी। प्रशासन ने पुलिस के जोर से काम निकालने की कोशिश जरूर की, लेकिन उपद्रवी इतने उग्र हो गए, मानों जान लेने पर तुले हों। पत्थरबाजी के साथ उनके रौद्र रूप ने पुलिस फोर्स, प्रशासन और नगर निगम की टीम को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
उपद्रवियों ने तंग रास्तों का उठाया फायदा
अतिक्रमण तोड़ने का जिस जगह पर काम हुआ, वहां जाने का एक ही रास्ता, वह भी महज 10 फुट चौड़ा है। इसके चारों ओर घनी आबादी है, जहां छोटी-छोटी गलियां हैं। जैसे ही टीम पहुंची, मुख्य मार्ग पर बवाल शुरू हो गया। टीम के अंदर घुसने के बाद चारों ओर से विरोध तेज हो गया। इलाके में पांच से अधिक गलियां हैं, जो काफी तंग हैं और किस गली से कब पत्थर आ रहा था, किसी को अंदाजा ही नहीं लग रहा था। यही वजह रही कि बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी और निगम कर्मी घायल हुए।
उपद्रवियों के जाल में फंसती नजर आई पुलिस
बनभूलपुरा की तंग गलियों में उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए अंदर घुस रही पुलिस फोर्स उनके ही जाल में फंसती नजर आई। घरों की छतों से पुलिसकर्मियों पर लगातार पथराव होता रहा। बमुश्किल गलियों से बचते-बचाते पुलिसकर्मी किसी तरह मुख्य सड़क पर आ सके। जानकारों की मानें तो बनभूलपुरा में भेजी गई पुलिस फोर्स दूसरे जिलों या अन्य थानों से आई थी जिन्हें इस इलाके का अंदाजा तक नहीं था। अधिकारियों के आदेश का पालन पूरा करने के लिए फोर्स अंदर तो घुस गई, लेकिन वह चक्रव्यूह में फंस गई, जिस कारण जान भी सांसत में आ गई।
हालात बेकाबू…खाली करवाए गए बस अड्डे
हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने हल्द्वानी बस अड्डे को खाली करवा दिया। दिल्ली जाने वाली बसों को भी रोकना पड़ा। इस दौरान दिल्ली जाने वाली करीब 15 बसों को वापस डिपो भेज दिया गया, जबकि सवारी बैठी हुईं बसों को तत्काल रवाना किया गया। एआरएम सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि बवाल की सूचना मिलते ही बसों को हटा दिया गया था। दिल्ली रूट की बसें इससे नहीं जा सकी हैं, जबकि ऑनलाइन सेवा की बसें भी निरस्त कर दी गईं।
संवेदनशील जगहों पर बढ़ाई गश्त
बवाल के बाद पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। जिले में मिश्रित आबादी वाले थाना क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही दो कंपनी, दो प्लाटून पीएसी को हल्द्वानी भेजा गया है।
ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक पर सुनवाई 14 को मलिक का बगीचा और अच्छन का बगीचा क्षेत्र में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 14 फरवरी को होगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने मामले की सुनवाई की।
वाटर कैनन और हवाई फायरिंग से भी नहीं रुके
बलभूलपुरा क्षेत्र में आग बुझाने पहुंची दमकल विभाग के वाहन को देखते ही उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने वाटर कैनन गन से उपद्रवियों पर पानी की बौछार कर उन्हें रोकने की कोशिश की। मगर, पथराव कम होने की बजाय बढ़ गया।
कार्रवाई से पहले सर्वे क्यों नहीं
मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसे और धर्म स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम क्षेत्र में बिना हवाई सर्वे के ही घुस गई। बीते चार फरवरी के विरोध के बावजूद पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम ने मामले को हल्के में ले लिया। कई मौकों पर ड्रोन से निगरानी करने वाले पुलिस प्रशासन कार्रवाई से पहले हवाई सर्वे तक नहीं करा पाया।
अतिक्रमण हटाने के समय पर भी सवाल…शाम का वक्त क्यों
बेहद संवेदनशील इलाके में अतिक्रमण तोड़ने के लिए चुने गए समय को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। तीन बजे के बाद अतिक्रमण तोड़ने के लिए टीम बनभूलपुरा थाने के पास जुटने लगी। पर सवाल यह है कि इसके लिए सुबह का समय क्यों नहीं चुना गया, जैसे ही टीम ने कार्रवाई शुरू की तो लोग जुटने लगे थे और विरोध शुरू हो गया।
70 से अधिक वाहनों को लगाई आग
बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान 70 से अधिक वाहनों को जला दिया गया, जबकि कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान बनभूलपुरा थाने में आग से कई साल पुराने रिकॉर्ड भी जलकर राख हो गए हैं।
उपद्रवियों ने तीन जेसीबी समेत 70 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इनमें दो जेबीसी निगम ने किराए पर मंगाई थी, जबकि एक जेसीबी निगम की है। साथ ही निगम के 8 और पुलिस के एक चारपहिया वाहन को आग के हवाले कर दिया गया, जबकि निगम के दो ट्रैक्टर को भी सड़क पर पलटकर आग लगा दी गई थी। साथ ही 40 से अधिक दोपहिया वाहनों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। बनभूलपुरा की गलियों में देर रात तक जहां-तहां दोपहिया वाहन जलते नजर आए, जिनको न कोई बुझाने वाला था और न ही इनके मालिकों का किसी को पता था।
350 से अधिक बार हुई हवाई फायरिंग
मलिक के बगीचे के चारों ओर से पथराव में फंसने के बाद किसी तरह पुलिस फोर्स यहां से निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंच सकी। मगर यहां भी बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। आग बुझाने पहुंचे दमकल वाहन को भी उपद्रवियों ने आग लगा दी। जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को तितर बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की। इस दौरान एके 47, एसएलआर और पिस्टल से पुलिस ने करीब सैकड़ों राउंड हवाई फायरिंग की। इसके बाद भी पथराव होने पर पैरों में गोली मारी जाने लगी। जानकारी के अनुसार उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस टीम ने 350 राउंड से अधिक बार फायरिंग की। जिसके बाद लोग मौके से इधर उधर होने लगे।