1 जुलाई 2024 से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। वहीं बिहार पुलिस तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस अवसर पर राज्य के सभी थानों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संबंधित थानाध्यक्षों के द्वारा स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नये आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी जाएगी। थाना में पदस्थापित महिला पुलिस पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित नागरिकों को विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों के बारे में अवगत कराया जाएगा। बिहार पुलिस के द्वारा नए आपराधिक कानून के अंतर्गत किए गए बड़े बदलाव के संबंध में थानों को एक पुस्तिका उपलब्ध कराया गया है, जिसे थानाध्यक्ष के द्वारा आमंत्रित नागरिकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा एवं इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।
25000 पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया नए आपराधिक कानून का प्रशिक्षण
बता दें कि, जून में राज्य के लगभग 25 हजार पुलिस पदाधिकारी को नए आपराधिक कानून, विधि विज्ञान एवं Digital Policing में प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण का शुभारंभ पांच चरणों में दिनांक 10 जून को ज्ञान भवन, पटना में पुलिस महानिदेशक, बिहार के संबोधन से प्रारम्भ हुआ, जिसमें पीटीसी प्रशिक्षण उतीर्ण पुलिस पदाधिकारी से लेकर सभी स्तर के वरीय पदाधिकारी भाग लिए। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुलिस पदाधिकारियों को तीन नए आपराधिक कानून क्रमशः भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की विस्तृत जानकारी दी गयी। इसमें पुराने कानून से नये कानून में हुए बदलाव, हर नये कानून की मुख्य विशेषताएं, जोड़े गए एवं हटाए गए महत्त्वपूर्ण धाराओं और पुराने कानून और नये कानून के धाराओं का तुलनात्मक चार्ट दिया गया है। इसके अलावा अनुसंधानकर्ता के सहयोग के लिए इसमें अनुसंधान से संबंधित विशेष पहलुओं की अलग से चर्चा की गई है। उक्त प्रशिक्षण सामग्री अनुसंधानकर्ताओं को नये कानून को समझने, लागू करने में उपयोगी होगी। प्रशिक्षण के दौरान गंभीर अपराध के घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करने, घटनास्थल की Videography, Photography हेतु विधि-विज्ञान विशेषज्ञों द्वारा पुलिस पदाधिकारियों को जानकारी दी गयी। अपराध में Mobile phone, Social media, Internet आदि के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को Electronic साक्ष्य संग्रह कर न्यायालय में पेश करने की मानक संचालन प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया।
CCTNS सुविधा राज्य के प्रत्येक थाना में रहेगी उपलब्ध
वहीं, शीघ्र ही CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) सुविधा राज्य के प्रत्येक थाना में उपलब्ध रहेगी, जिसके माध्यम से विभिन्न नागरिक सेवाएं online उपलब्ध होगी। वर्तमान में एससीआरबी के वेबसाइट https://scrb.bihar.gov.in/ पर एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है। शीघ्र ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी जैसे-
गुम/खो गई संपत्ति की रिपोर्ट
लापता व्यक्ति की रिपोर्ट
घरेलू सहायक का पूर्व चरित्र सत्यापन
ड्राइवर का पूर्व चरित्र सत्यापन
वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण
किरायेदार का पूर्व चरित्र सत्यापन
वहीं, नए अपराधिक कानून में किये गये बदलाव के अनुरूप ही बिहार पुलिस की वेबसाइट https://police.bihar.gov.in/ में भी बदलाव किया गया है। अब वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी वर्जन में उपलब्ध है। वेबसाइट के होमपेज पर नये आपराधिक कानून का आइकन बना हुआ है, जिसे क्लिक करने पर तीनों नये आपराधिक कानून से जुड़ी जानकारी मिलेगी। साथ ही शिकायत एवं सुझाव के लिए भी एक आइकन बना हुआ है, जिसमें राज्य के सभी थानों के नम्बर एवं ई-मेल आईडी की जानकारी दी गयी है। थानों के ई-मेल आईडी के माध्यम से संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन एवं डिजिटल पुलिसिंग
प्रत्येक जिले में Mobile Forensic Science Unit की व्यवस्था की गयी है तथा विधि-विज्ञान विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। अब गंभीर घटना में Forensic Unit विशेषज्ञों एवं उपकरणों के साथ घटनास्थल पर त्वरित पहुंचकर Photography, Videography, Fingerprint एवं अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करेंगे, जिससे न्याय व्यवस्था मजबूत होंगे और दोषियों को सजा मिल सकेगी। इससे बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर भी रोक लगेगा।
- NAFIS (National Automated Fingerprint Identification System) की राष्ट्रीय database जिसमें सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के Fingerprint उपलब्ध रहते हैं, अब बिहार में प्रत्येक जिला में लागू है। अतः प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति का fingerprint NAFIS Database में दर्ज किया जायेगा। इससे आपराधिक घटनास्थल पर मिलने वाले Fingerprint का त्वरित मिलान Fingerprint Bureau द्वारा पूरे देश में गिरफ्तार व्यक्तियों के Fingerprint database से किया जा सकेगा। इससे अपराध के उद्भेदन एवं अभियुक्तों को सजा दिलाने में वृद्धि होगी।
- प्रत्येक पुलिस पदाधिकारी को Smartphone एवं Laptop की सुविधा दी जा रही है। इससे वह आपराधिक घटनास्थल के Videography, Photography एवं पीड़ित एवं गवाहों के बयान Audio/video के माध्यम से दर्ज कर सकेंगे और न्यायालय में त्वरित पेश कर सकेंगे।
- पुलिस पदाधिकारी Laptop से किसी भी समय CCTNS/ICJS का उपयोग अनुसंधान / जांच में कर सकेंगे जिससे कांडो के उद्भेदन एवं अनुसंधान की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। इस प्रकार पुलिसिंग में किये जा रहें नवीन बदलाव एवं नये आपराधिक कानून के लागू होने के फलस्वरूप शीघ्र ही बिहार पुलिस में बुनियादी रूपांतरण दिखेंगे।