महिला थानाध्यक्ष निकिता सिंह के अनुसार 17 वर्षीय किशोरी को 30 हजार रुपये का लालच देकर सीमा और उसके पति आशीष ने एग डोनेट करने के लिए तैयार किया था। सोनभद्र के रहने वाले अनमोल जायसवाल ने किशोरी का फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया और उसकी उम्र बढ़ा दी। इसके बाद सीमा और आशीष ने किशोरी को सिंदूर, मंगलसूत्र पहनाया, फिर आईवीएफ सेंटर ले गए। ताकि किसी को कोई शक न हो।
पैसे का लालच देकर आर्थिक रूप से कमजोर घरों की किशोरियों का एग डोनेशन कराने वाले गिरोह का महिला थाने की पुलिस ने पर्दाफाश किया है। ये महमूरगंज के एक आईवीएफ सेंटर के जरिये कृत्रिम गर्भाधान कराने के उद्देश्य से किशोरियों का एग डोनेशन कराकर निःसंतान दंपतियों को ऊंचे दामों पर बेचते हैं। गिरोह में शामिल दंपती समेत चार आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह के सदस्य जैतपुरा थाना क्षेत्र के नक्खीघाट के नवापुरा निवासी सीमा देवी, उसका पति आशीष कुमार, भेलूपुर के खोजवां की रहने वाली अनीता देवी और सोनभद्र के अनपरा थाना क्षेत्र के औड़ी मोड़ निवासी अनमोल जायसवाल शामिल हैं। अनमोल जायसवाल महमूरगंज के तुलसीपुर में किराये पर मकान लेकर रहता है। आरोपियों से पूछताछ में कुछ और लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी आरएस गौतम के अनुसार महिला थानाध्यक्ष निकिता सिंह की विवेचना में सामने आया कि गिरोह सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं व नाबालिग किशोरियों को रुपये का प्रलोभन देकर अपने जाल में फंसाता है और फिर शहर के नामी आईवीएफ सेंटर में ले जाकरएग डोनेशन कराकर कृत्रिम गर्भाधान कराता है और फिर निःसंतान दंपतियों को ऊंचे दामों पर बेचता है। यह एक संगठित गिरोह है।
किशोरी को पहनाया सिंदूर, मंगलसूत्र फिर कराया एग डोनेशन
महिला थानाध्यक्ष निकिता सिंह के अनुसार 17 वर्षीय किशोरी को 30 हजार रुपये का लालच देकर सीमा और उसके पति आशीष ने एग डोनेट करने के लिए तैयार किया था। सोनभद्र के रहने वाले अनमोल जायसवाल ने किशोरी का फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया और उसकी उम्र बढ़ा दी। इसके बाद सीमा और आशीष ने किशोरी को सिंदूर, मंगलसूत्र पहनाया, फिर आईवीएफ सेंटर ले गए। ताकि किसी को कोई शक न हो।
30 हजार नगद के बजाय किशोरी को मिला सिर्फ मोबाइल
जैतपुरा की रहने वाली महिला ने 29 अक्तूबर को महिला थाना में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि मोहल्ले की सीमा ने उसकी बेटी का एग डोनेशन कराकर ऊंचे दाम पर बेचा। अस्पताल की ओर से 30 हजार रुपये बेटी को दिए गए लेकिन सीमा ने 30 हजार में से सिर्फ 11500 रुपये मोबाइल खरीदने के लिए बेटी को दिए। शेष पैसा कमीशन के तौर पर रख लिए।
मां ने पुलिस से कहा, मेरी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ न हो
किशोरी की मां ने पुलिस के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मेरी कुंवारी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और बेटी के साथ न हो। इसलिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अस्पताल के लोग गिरोह के सदस्यों से मिले हुए हैं। इनका लाइसेंस निरस्त हो। चिकित्सक, स्टाफ सभी गिरफ्तार होने चाहिए।