राष्ट्रीय पहचान दे रहा भारत उत्सव ; ये सामान बन रहे आकर्षण का केंद्र

महिला उद्यमियों के द्वारा निर्मित उत्पादों को बढावा मिल रहा है। महिला एग्जिविटर्स की भागीदारी ज्यादा है। पहली बार आयोजित आत्मनिर्भर भारत उत्सव ट्राइब्स कल्चर और नॉर्थ ईस्ट के उत्कृष्ट उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दे रहा है।

पहली बार आयोजित आत्मनिर्भर भारत उत्सव ट्राइब्स कल्चर और नॉर्थ ईस्ट के उत्कृष्ट उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दे रहा। बांस और बेंत की लकड़ी से निर्मित कप, गिलास, टोकरी, पंखी, टिस्यू पेपर बॉक्स, ट्रे, फ्लॉवर पॉट, सजावटी समान जैसे अनगिनत सामान बेहद खास हैं।

पीएम विश्वकर्मा और पीएम स्वनिधि योजना की लाभार्थी महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प के एक से बढ़कर एक सामान हैं। आईटीपीओ ने 90-95 फीसदी तक छूट पर स्टाल उपलब्ध कराए। केंद्र सरकार ने मेले का खर्च उठाया है।

पीएम विश्वकर्मा और पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को खास जगह मिली है। एमएसएमई के अंतर्गत निर्मित उत्पादों के करीब 400 स्टाल लगाए गए। आईटीपीओ के ओएसडी कर्नल पुष्पम ने बताया कि ये आर्ट मेला है और बेहद सफल रहा। केवल 15 दिन की मेहनत से सम्मानजनक सफलता हासिल हुई। लेकिन 2026 तक ये दुनिया का सबसे बड़ा मेला होगा।

ट्राइब्स इंडिया और डोनर के उद्यमियों को प्रोत्साहन
ट्राइब  इंडिया के दर्जनों स्टाल हैं। डोनर (मिनिस्ट्री ऑफ डेवलपमेंट ऑफ नॉर्थ ईस्टर्न रीजन) से जुड़े उद्यमियों के करीब 45 स्टाल हैं। त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम के उत्पाद शामिल हैं। स्वयं सहायता समूह से  जुड़ी महिला उद्यमी अपने उत्पाद के साथ मौजूद हैं।

प्रचार प्रसार बढ़ाएगा आईटीपीओ
कर्नल पुष्पम ने कहा, अगले साल आत्मनिर्भर भारत उत्सव से पहले इसके प्रचार के लिए ज्यादा से ज्यादा बैनर पोस्टर लगाए जाएंगे, रेडियो जिंगल्स, सोशल मीडिया, ऑटो ऐड्स, मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों पर रिफ्लेक्टर्स लगाए जाएंगे। न्यूज मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार के लिए मदद ली जाएगी।

स्वयं सहायता समूहों को विशेष स्थान
स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमियों को विशेष जगह मिली  है। गाजियाबाद के स्टाल पर श्री गणेश एसएचजी की सदस्य मंजू चौहान उत्तराखंड की जैविक हल्दी के पाउडर, मसाले, गुड़, चिप्स, मल्टीग्रेन आटा जैसे दर्जन भर उत्पाद लेकर आई हैं। अरुणाचल प्रदेश के समाया एसएचजी की सदस्य धेपॉन वॉन्गशू ग्रीन टी, बंबू के बीज, चावल, काली इलायची, अचार की कई वैरायटी लेकर आई हैं।

हस्तशिल्प के उत्कृष्ट सामान
असम का मोगा सिल्क, भागलपुरी मटका सिल्क, मणिपुरी शॉल, भागलपुरी सिल्क के कुर्ते, कोल्हापुर के चप्पल जैसे न जाने कितने उत्कृष्ठ उत्पाद इसमें शामिल हैं। पीतल और कांसे से निर्मित सामान, मूर्तियां, छोटे खिलौने, साड़ी, शॉल, शर्ट, पैंट के कपड़ों की भरमार है।

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