इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अहम घोषणा की है। न्यायालय ने घोषणा की कि अदालत शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के आरोपों पर फैसला सुनाएगा। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका ने इस्राइल के खिलाफ गाजा में नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत का रुख किया था। अदालत से दक्षिण अफ्रीका ने अनुरोध किया था कि वह जल्द से जल्द इस्राइली सैन्य अभियानों को रोकने का आदेश दे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीजे ने बुधवार को एक बयान जारी किया। बयान में अदालत ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर एक बजे हेग के पीस पैलेस में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की जाएगी। इस दौरान न्यायाधीश जोन ई. डोनोग्यू अदालत का फैसला पढ़ेंगे। 26 जनवरी को अदालत गाजा में इस्राइल के कथित नरसंहार की रोकथाम पर अपना फैसला सुनाएगा।
अफ्रीका और इस्राइल ने अदालत में रखा अपना पक्ष
इससे पहले सुनवाई के दौरान, अंतरराष्ट्रीय अदालत में दक्षिण अफ्रीका के वकील अदिला हासिम ने कहा था कि अदालत में पिछले 13 सप्ताह के सूबत पेश किए गए हैं। हासिम ने कहा कि गाजा के लोग पीड़ित है। गाजा के लोगों की पीड़ा को सिर्फ अदालत का आदेश ही रोक सकता है। सुनवाई के दौरान, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो के माध्यम से अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि यह एक उल्टी दुनिया है। इस्राइल पर नरसंहार का आरोप लगाया है बल्कि इस्राइल तो नरसंहार से लड़ रहा है। दक्षिण अफ्रीका का पाखंड आसमान तक चिल्लाता है। इस्राइली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियोर हयात ने ट्वीट कर कहा था कि दक्षिण अफ्रीका द्वारा अदालत में पेश किया गया मामला सबसे बड़ा पाखंड है। अदालत में उनकी कानूनी टीम हमास प्रतिनिधि के रूप में काम कर रही है। दक्षिण अफ्रीका के दावे निराधार और झूठे हैं।
अदालत के फैसले को नजरअंदाज किया
बता दें, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय दो देशों के बीच जारी विवाद को सुलझाने का एक स्थल है। अदालत यूरोपीय देश हेग में स्थित है। आईसीजे को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च न्यायालय माना जाता है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि इस अदालत के फैसले को माना ही जाए। कई बार देशों ने अदालत के फैसले को नजरअंदाज किया है। अदालत ने रूस को भी आदेश दिया था कि वह यूक्रेन में जारी अपने सैन्य अभियान को तुरंत बंद करे लेकिन रूस ने ऐसा नहीं किया और यूक्रेन से हमला करना जारी रखा।