हमेशा खुश रहने के लिए वैज्ञानिकों ने बताए कुछ आसान तरीके

सभी के जीवन का एक ही लक्ष्य होता है कि वे खुश रहें। इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम रोज सुबह उठकर देर रात तक मेहनत करते हैं। ये सारी मेहनत इसलिए ताकि खुश रह सकें, लेकिन फिर भी खुशी नहीं मिलती है बल्कि, इस कारण से अक्सर तनाव या अवसाद का शिकार बन जाते हैं। इसलिए इस बात को समझना जरूरी है कि खुशी किसी एक बड़े काम से नहीं बल्कि, रोज के छोटे-छोटे कामों से मिलती है, जैसे- अपनी पसंदीदा डिश खाने के बाद हमें खुशी मिलती है या अपने किसी पुराने दोस्त से मिलने का खुशी का अनुभव होता है।

खुश कैसे रह सकते हैं, इस बारे में कई लेखकों और इंफ्लूएंसर्स ने अपने-अपने अनुभव शेयर किए हैं, किताबें लिखी है, जिनमें ऐसा दावा किया जाता है कि इन तरीकों से खुश रहा जा सकता है। वैसे तो, हर व्यक्ति के लिए खुशी के मायने अलग होते हैं, लेकिन खुशी क्या है और कैसे व्यक्ति खुश रह सकता है इस बारे में वैज्ञानिक टैली शैरोट और कैस आर संस्टीन ने काफी रिसर्च की और एक किताब लिखी है।

इस किताब का नाम है- ‘लुक अगेनः द पावर ऑफ नोटिसिंग, व्हाट वाज ऑलवेज देयर’। इस किताब में उन्होंने खुश रहने के कुछ वैज्ञानिक तरीके बताए हैं, जो आपकी खुशी को खोज को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इस किताब में उन्होंने इंसानों के बेसिक नेचर के बारे में शोधकर, खुश रहने के तरीकों के बारे में बात की है। आइए जानते हैं, क्या है खुशी का मंत्र, जो आपके रोज के जीवन का हिस्सा बन सकते हैं।

खुश रहने के तरीके-

नई चीजें ट्राई करें…

अक्सर जब हम रोज एक ही काम को एक ही तरीके से करते रहते हैं, तो हमारा दिमाग उस पर ध्यान देना बंद कर देता है। आपने ध्यान दिया होगा और अगर नहीं दिया तो अब सोचिए कि रोज घर से ऑफिस आते समय आप रास्ते में आने वाली कितनी चीजों पर ध्यान देते हैं। शुरुआती कुछ दिनों में आपने अपने रास्ते में पड़ने वाली चीजों पर ध्यान दिया होगा, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए होंगे, आपने उन पर ध्यान देना बंद कर दिया होगा। यह इंसान का आम व्यवहार होता है। इसलिए अपने रूटीन में नयापन लाने के लिए नई चीजों को ट्राई करें। जैसे- ऑफिस आने के लिए किसी नए रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं या आप कोई नई डिश ट्राई कर सकते हैं। किसी नई जगह पर घूमने जा सकते हैं। ऐसा करने से न केवल आपके जीवन की मोनोटोनी टूटेगी बल्कि, आपको नए अनुभव भी मिलेंगे, जो आपको खुशी दे सकते हैं।

किताबें पढ़िए…

अक्सर हम बोर होते हैं, तो अपना फोन खोलकर बैठ जाते हैं और उस पर घंटों बैठकर सोशल मीडिया स्क्रॉल करते रहते हैं। कुछ फनी मीम देखने से आपको उस समय हंसी आ सकती है, लेकिन इससे आपको खुशी नहीं मिलती है और घंटो डूम स्क्रॉलिंग की वजह से काफी समय भी बरबाद होता है। इसके बदले आप कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं। अगर आप किताबें पढ़ना पसंद नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आपको शुरुआत में यह काफी बोरिंग लगे, लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत बनाने के बाद आप कभी किताब पढ़ने को बोरिंग नहीं कहेंगे। किताबें आपके लिए नई दुनिया का रास्ता खोलती हैं और आपको नए तरीके से सोचने और चीजों को देखने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके साथ ही, आप चाहें तो फिल्में देखना, थिएटर, म्यूजियम आदि को भी अपने जीवन का हिस्सा बना सकते हैं।

संगीत सुनिए…

गानें तो आप भी सुनते होंगे। हर व्यक्ति की गानें की पसंद अलग-अलग होती है, किसी को पुराने बॉलीवुड के गानें पसंद आते हैं, तो कोई टेलर स्विफ्ट को सुनना पसंद करते हैं। हालांकि, अक्सर हम गानें शांति में सुनना चाहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि शोर में संगीत सुनने से ज्यादा खुशी का एहसास होता है। ऐसा एक रिसर्च में पाया गया है कि व्यक्ति शोर में संगीत सुनने से ज्यादा खुशी का अनुभव करते हैं। इसका एक कारण यह हो सकता है कि शोर में संगीत सुनने से आप उस शोर से बाहर निकल, संगीत की मदद से शांति का अनुभव करते हैं।

छुट्टी पर जाएं…

अपने काम से ब्रेक लेने के लिए लोग घूमने जाने का प्लान बनाते हैं, लेकिन अक्सर इस चिंता में रहते हैं कि इस वजह से हम काम में पीछे न हो जाएं, बजट कितना होगा, ऐसे कई कारणों की वजह से हम अक्सर एक लंबी वेकेशन का प्लान बनाते हैं। इसके पीछे हमारा एक विचार यह भी होता है कि लंबे वेकेशन में ज्यादा मजा आएगा, ज्यादा लंबा ब्रेक मिल पाएगा, लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं कि लंबे वेकेशन के बदले छोटी-छोटी छुट्टियां ज्यादा खुशनुमा होती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि लंबे वेकेशन पर शुरुआत के दिनों में हमें खुशी महसूस होती है, लेकिन इसके बाद दिमाग को इसकी आदत हो जाती है। इसलिए साल में एक लंबे वेकेशन के बदले छोटे-छोटे ब्रेक लें।

कल पर काम न टालें…

अक्सर जब हमारा मन नहीं होता, तो हम काम को कल पर टालते रहते हैं। इससे हमारा काम का बोझ बढ़ता जाता है और तनाव भी। कई बार हम ऐसा भी करते हैं कि किसी काम को अधूरा करके छोड़ देते हैं। यह सोचकर कि इसे अब बाद में खत्म कर देंगे, लेकिन ऐसा करने से आपके दिमाग को किसी उपलब्धि का अनुभव नहीं हो पाता है, जिस वजह से हमें खुशी महसूस नहीं होती है। इसलिए कोशिश करें कि आपने जो काम शुरू किया है, उसे एक बार में पूरा कर लें। साथ ही, कोई ऐसा काम है, जिसे अभी ही करके खत्म किया जा सकता है, तो उसे करके खत्म कर दें, कल पर काम न टालें। इससे आपको खुशी का अनुभव होगा।

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