खत्म हुआ इंतजार! कई सुविधाएं और बढ़ी हुई खूबसूरती के साथ सामने आया दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल-1

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट के विस्तारित टर्मिनल-1 का उद्‌घाटन किया है। अब हर साल लगभग 10 करोड़ यात्री इस एयरपोर्ट की मदद से ट्रैवल कर सकेंगे। बता दें, कि इससे पहले ये क्षमता सिर्फ 6 करोड़ थी। अब अगर टर्मिनल वन के साथ आईजीआई की सालाना क्षमता की बात करें, तो यह बढ़कर 100 मिलियन हो गई है। आइए तस्वीरों के साथ समझ लीजिए इसमें शामिल हुई नई सुविधाएं, और देख लीजिए इस विश्व स्तरीय टर्मिनल की बढ़ी हुई खूबसूरती।

पीएम मोदी ने किया लोकार्पण

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रविवार को पीएम मोदी ने इसका लोकार्पण किया। बता दें, इसका मास्टर प्लान 2016 में तैयार हुआ था, और 2019 से इसे लेकर काम शुरू हुआ। इसके पीछे का मकसद यात्रियों की बढ़ी हुई संख्या को हैंडल करना, और सुविधाओं में इजाफा करना ही था।

खूबसूरती में हुआ इजाफा

आईजीआई एयरपोर्ट के विस्तारित टर्मिनल-1 की सुंदरता में काफी इजाफा देखने को मिला है। अब आप यहां नेचुरल लाइट से सजाए हुए कमरे, योगा स्पेस, लाउंज, ग्रुप सीटिंग, बेबी केयर रूम, लैपटॉप चार्जिंग स्‍टेशन, प्रार्थना कक्ष और स्‍मार्ट वॉश रूम और पीसफुल टाइम बिताने के लिए कई तरह के जोन बनाए गए हैं।

विमानों की आवाजाही बढ़ेगी

एयरपोर्ट का विस्तार हो जाने से यहां विमानों की आवाजाही भी बढ़ेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहले यहां करीब 1500 विमानों की आवाजाही होती थी, और अब हर दिन यहां 2 हजार विमान आवाजाही कर सकेंगे।

अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस

टर्मिनल पहले के मुकाबले ज्यादा सुविधाजनक हो, इसके लिए डिपार्चर टर्मिनल के गेट्स को डिजी ट्रैवल सिस्‍टम के द्वारा फेशियल रिकॉगनाइजेशन कैमरों से लैस बनाया गया है। इसके अलावा इसमें 108 कॉमन यूज सेल्‍फ सर्विस (सीयूएसएस), 20 ऑटोमेटेड ट्रे रिट्रीवल सिस्‍टम (एटीआरएस), 100 चेक-इन काउंटर्स और 36 सेल्‍फ बैगेज ड्राप (एसबीडी) कियोस्‍क शामिल हैं।

बैगेज के लिए इंतजार में आएगी कमी

टर्मिनल वन पर जाने वाले  को अब अपने बैगेज के लिए ज्यादा वेट नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए यहां अब 10 रिक्‍लेम बेल्‍ट्स बनाई गई हैं। इसके अलावा पहले जो बेल्‍ट्स 52 मीटर लंबी थीं, वे अब 70 मीटर हो गई हैं। इससे एक घंटे में 6 हजार बैगेज यात्रियों तक पहुंचाए जा सकेंगे, जो कि पहले सिर्फ 3240 प्रति घंटा थे।

Show More

Related Articles

Back to top button