रामेश्वरम करता है हर तरह के पर्यटकों का स्वागत

भारत में भगवान राम से जुड़े कई सारी जगहें हैं, लेकिन रामेश्वरम उनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध जगह है। कहा जाता है कि श्रीराम ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी। इसलिए इसे राम के ईश्वर यानी रामेश्वरम के नाम से जाना जाता है।  कहते हैं कि उस समय पंबन द्वीप भारत भूमि से जुड़ा हुआ था, बाद में यह मुख्य भूमि से अलग होकर एक छोटा द्वीप बन गया। अब यह द्वीप एक रेल-पुल के द्वारा जुड़ा हुआ है, जिसे पंबन ब्रिज कहते हैं। इसी के नजदीक श्रीराम द्वारा लंका चढ़ाई के लिए पुल का निर्माण किया गया था। धनुषकोड़ी नामक इस जगह पर आज भी इसके अवशेष देखने को मिलते हैं। यह एक ऐसी जगह है, जहां धार्मिक लोग ही नहीं, बल्कि प्राचीन भवनों के निर्माण में रुचि रखने वालों की भी भीड़ देखने को मिलती है। 

रामेश्वरम में देखने लायक जगहें

रामनाथस्वामी मंदिर

यह यहां का सबसे खास आकर्षण है। इसका धार्मिक महत्व इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि इसे भगवान शिव के पवित्र बारह ज्योतिर्लिंंग मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां दो शिवलिंग है- रामनाथ और विश्वंतर। कहते हैं कि जब श्रीराम ने यहां शिव जी की पूजा के बारे में सोचा तो उन्होंने हनुमान जी को कैलाश पर्वत से शिवलिंग लेकर आने के लिए कहा। उनके लौटने में देर होने पर उन्होंने सीता जी द्वारा बनाए गए रेत के शिवलिंग की पूजा कर ली। बाद में जब हनुमान शिवलिंग लेकर आए, तो रेत के शिवलिंग की जगह उसे स्थापित करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह शिवलिंग अपनी जगह से हिला नहीं। तब उसके साथ-साथ दूसरे शिवलिंग को भी विधिवत स्थापित किया गया और श्रीराम ने हनुमान के श्रम का मान रखने के लिए कहा कि यहां हमेशा पहले तु्म्हारे द्वारा लाए गए शिवलिंग की पूजा होगी, उसके बाद मेरे द्वारा पूजे गए रामनाथ की। इस परंपरा का पालन आज भी किया जाता है। 

पंबन ब्रिज

यह भारत का पहला समुद्री पुल है। रामेश्वरम तक पहुंचने केे लिए यही एकमात्र रास्ता है। पंबन ब्रिज 1914 में बनाया गया था। उस समय से 2010 तक मुंबई में सी लिंक बनने तक यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल रहा। आप चाहे यहां रेल मार्ग से जा रहे हों या सड़क मार्ग से, दोनों ओर फैला समुद्र का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

अब्दुल कलाम आवास

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद का घर भी यही है। उनके भाई का परिवार अभी भी यहीं रहता है। घर के एक हिस्से को म्यूजियम का रूप दे दिया गया है। यहां उनके जीवन से जुड़ी चीज़ें रखी गई हैं। सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक यहां जा सकते हैं।

मन्नार की खाड़ी मरीन नेशनल पार्क

रामेश्वरम से टूटीकोरिन द्वीप तक मरीन  है। मन्नार की खाड़ी एक यूनेस्को बायोस्पीयर रिजर्व है। यह रिजर्व अपने समुद्री जैव विविधता के लिए जाना जाता है। समुद्री वनस्पतियां और जीवों की चार हजार से ज्यादा प्रजातियां इसे और ज्यादा खास बनाती हैं।   

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