दिल्ली: जांच एजेंसियों के मुद्दे पर पहली बार लामबंद हुआ पूरा विपक्ष

रामलीला मैदान में गठबंधन की महारैली से आम आदमी पार्टी का कद बढ़ता नजर आया। गठबंधन की राजनीति में आप की अहमियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पहली बार जांच एजेंसियों पर दुरुपयोग का आरोप लगाकर पूरा गठबंधन एकजुट नजर आया। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री जब इस्तीफा देकर जेल गए थे तो विपक्ष इतना मुखर नहीं हुआ था।

पहले भी गठबंधन की रैलियां व सम्मेलन महाराष्ट्र और बिहार में हुए लेकिन इतना बड़ा जमावड़ा देखने को नहीं मिला था। रैली में केजरीवाल की पत्नी को भी काफी अहमियत मिली। मंच से गठबंधन के कद्दावर नेताओं ने आप की सराहना भी की। केंद्र सरकार पर निशाना साधने के साथ ही जांच एजेंसियों के मुद्दे पर सभी एकजुट दिखे। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विपक्ष ने रैली को शक्ति प्रदर्शन का भी मंच बनाया।

भाजपा ने कहा- फ्लॉप शो
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रामलीला मैदान की रैली को फ्लॉप शो करार दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के 61 विधायक 6,100 लोगों की भीड़ जुटाने में भी विफल साबित हुए। मंच से दिल्ली के मुख्यमंत्री के तस्वीर को हटवाने से यह भी साफ हो गया कि गठबंधन सिर्फ नाम का है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सुर-ताल मेल नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन की रैली को दिल्ली वालों ने खारिज कर दिया है।

कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने रैली का आह्वान किया था। इसमें अधिकांश पंजाब व हरियाणा से जुटाए गई भीड़ ही थी। आप कार्यकर्ताओं में भी जोश नहीं भर सकी। कांग्रेस ने मंच के माइक के पास लगाई गई केजरीवाल की तस्वीर तक लगाने की अनुमति नहीं दी। तस्वीर को जबरन हटवा दिया गया। सभी जानते है कि कांग्रेस का दिल्ली में कोई जमीनी आधार नहीं है। रैली की विफलता ने दिल्ली में आप के अंत की शुरुआत कर दी है।

केजरीवाल की बेटी और बेटा भी महारैली में पहुंचे
महारैली में मुख्यमंत्री केजरीवाल के दोनों बच्चे भी पहुंचे। उन्होंने मंच के सामने नीचे खड़े होकर मां सुनीता सहित सभी नेताओं का संबोधन सुना। सुनीता करीब 12 बजे मंच पर पहुंचीं। बेटी हर्षिता व बेटा पुलकित कुछ देर बाद मैदान में आए। दोनों मंच के सामने सुरक्षा घेरे में खड़े थे।

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