कानपुर में रतनलाल नगर स्थित इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट के एच ब्लॉक के तीसरे तल पर स्थित फ्लैट में बुधवार देर रात आग लग गई। किचन में लगी इलेक्ट्रानिक चिमनी (धुआं बाहर निकालने वाली) से लगी आग पूरे फ्लैट में फैल गई। खाना बना रही महिला किसी तरह बचतक बेटे के साथ नीचे आई।
लपटें बाहर तक पहुंचीं, तो धीरे-धीरे धुआं पूरे अपार्टमेंट में भर गया। कुछ लोग तो नीचे आ गए, लेकिन करीब 10 लोग ऊपर ही फंस गए। मौके पर पहुंची दमकल की 10 गाड़ियों ने पानी की बौछार शुरु करते हुए अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में ए से लेकर एम तक 13 ब्लॉक हैं।
एच ब्लॉक में 30 फ्लैट हैं। तीसरे फ्लोर में कुल चार फ्लैट हैं, जिनमें 15-16 नंबर के फ्लैट में नमकीन व्यवसायी नरेश असरानी परिवार के साथ रहते हैं। बुधवार देर रात करीब 10:30 बजे नरेश की पत्नी पिंकी किचन में खाना बना रहीं थीं। बेटा अंशुल कमरे में था। इसी दौरान किचन की चिमनी में आग लग गई।
अपार्टमेंट में धुंआ भरने से फंस गए लोग
पिंकी बेटे के साथ नीचे की ओर भागी। उसी फ्लोर में 17 नंबर फ्लैट में रहने वाले टेक चंद्र बोदानी, पत्नी नीता व बेटे मनीष बोदानी के साथ नीचे की ओर भागने का प्रयास करने लगे, हालांकि अपार्टमेंट में धुंआ भरने से फंस गए। 14 नंबर फ्लैट में रहने वाले विष्णु अग्रवाल भी परिवार के साथ फंस गए।
दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत से पाया काबू
लपटें ऊपरी फ्लैट पर पहुंचीं तो चौथे फ्लोर पर भी लोग फंस गए। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया। सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रानिक चिमनी में शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। अपार्टमेंट में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
धुआं भरने से नहीं नजर आईं सीढि़यां और लिफ्ट, वापस फ्लैटों में भागे
इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में लगी आग से वहां रहने वालों में दहशत फैल गई। हादसे के वक्त कोई अपने फ्लैट में खाना खा रहा था तो कोई टीवी देख रहा था। 17 नंबर फ्लैट में रहने वाले टेक चंद्र बोदानी ने बताया कि वह और बेटा खाना खा रहे थे, पत्नी नीता खाना बना रही थी। इसी दौरान कुछ गर्माहट और धुआं महसूस हुआ।
बालकनी तक पहुंचने लगीं थीं लपटें
दरवाजा खोला तो पूरा फ्लोर धुएं से भरा हुआ था। नीचे भागने का प्रयास किया लेकिन सीढि़यां व लिफ्ट का रास्ता नहीं दिखा तो फिर अंदर आ गए। वहीं नरेश के फ्लैट के ठीक ऊपरी तल पर 19 नंबर फ्लैट में रहने वाले व्यवसायी अभिषेक दुग्गल, पत्नी ज्योत्सना व बेटे युवान के साथ घर में थे। नीचे लगी आग की लपटें उनकी बालकनी तक पहुंचने लगीं।
लगा था कि आज नहीं बचेंगे
ज्योत्सना ने बताया कि वह खाना बना रही थी, अचानक रोशनी दिखी, बालकनी में गईं तो आग भड़क रही थ। वह गैस बंद कर पति व बेटे के पास भागीं। सभी जीने से नीचे उतरने का प्रयास करने लगे, लेकिन धुआं होने के चलते फिर ऊपर की ओर भागे। ज्योत्सना बोलीं, कि ऐसा लगा था कि आज नहीं बचेंगे।
देवदूत बनकर ऊपर आए दमकल कर्मी
फिर कुछ देर में दमकल की घंटियां बजने लगीं। कुछ देर में दमकल कर्मी देवदूत बनकर ऊपर आए। कुछ यही हाल 18 नंबर फ्लैट में रहने वाले इंश्योरेंस कर्मी रंजीत, पत्नी मीरा व उनकी बेटियों पूजा, प्रिया का था। दस लोगों को दमकल कर्मियों ने सकुशल रेस्क्यू करते हुए नीचे उतारा।