पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस मामले में दो डॉक्टर की गिरफ्तारी हुई है, जिसने आरोपी नाबालिग का ब्लड सैंपल रिपोर्ट बदलने के लिए रईसजादे के पिता से 3 लाख रुपये रिश्वत लिए थे।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को दो डॉक्टरों के साथ एक चपरासी को भी गिरफ्तार किया गया जिसने डॉक्टरों को 3 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। आरोपियों ने 17 वर्षीय आरोपी की ब्लड जांच रिपोर्ट में कथित रूप से हेरफेर किया था।
बिचौलिया बना था चपरासी
सूत्रों का कहना है कि चपरासी अतुल घाटकांबले ने बिचौलिया बनकर किशोर के परिवार से दो डॉक्टरों के लिए 3 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। सासून अस्पताल के डॉ. अजय तावड़े और डॉ. हरि हरनोर को कल पुणे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि हादसे वाले दिन डॉ. तावड़े और किशोर आरोपी के पिता के बीच फोन पर बात हुई थी। इस बातचीत में आरोपी नाबालिग के पिता ने डॉक्टर को मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए रिश्ववत दी थी। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कल कहा था कि अस्पताल में एकत्र किये गये और फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गये नमूने किशोर आरोपी के नहीं थे।
नाबालिग ने पीया था शराब, ब्लड सैंपल गलत
कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि ’19 मई को सुबह 11 बजे के करीब, ससून अस्पताल में लिया गया किशोर का ब्लड सैंपल कूड़ेदान में फेंक दिया गया और दूसरे व्यक्ति का ब्लड सैंपल फोरेंसिक लैब में भेज दिया गया। जांच के दौरान, हमने पाया कि सीएमओ श्रीहरि हलनोर ने ससून अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी अजय तावड़े के निर्देश पर इसे बदल दिया था।’
चूंकि नाबालिग के ब्लड सैंपल को बदल दिया गया था, इसलिए रविवार को प्राप्त रिपोर्ट में शराब के कोई निशान नहीं मिले। हालांकि, उस रात जिस बार में नाबालिग गया था, वहां लगे सीसीटीवी फुटेज में उसे दोस्तों के साथ शराब पीते हुए देखा गया था।