उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू से हो रही मौतों ने कोरोना काल की याद दिला दी है। कोरोना काल की तरह ही हर दिन गर्मी से लोगों की जान जा रही है। शनिवार को जिले के अलग-अलग घाटों पर 180 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। एक साथ जल रहे शवों को देखकर कोहराम मच गया।
शाम साढ़े 6 बजे तक होते रहे अंतिम संस्कार
जिले में अलग-अलग घाटों पर हर दिन अंतिम संस्कार होते है। नौतपा से पहले रोजाना औसतन 60 शवों का अंतिम संस्कार होता था। शनिवार को यहां पर 180 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। घाटों पर शवों की संख्या ज्यादा होने के कारण जगह कम पड़ गई। परिजनों को शव जलाने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। वहीं, भीषण गर्मी होने की वजह से कई लोग बेहोश हो गए। घाटों पर सुबह 7 बजे से ही लोग पहुंचने लगे थे। सुबह 8 बजे अंतिम संस्कार शुरू किए गए और शाम साढ़े 6 बजे तक अंतिम संस्कार होते रहे।
इन घाटों पर हुए इतने अंतिम संस्कार
पंडों ने बताया कि एक साथ इतने ज्यादा शव देखकर वे भी अचंभित हो गए कि इतनी चिताएं कहां जलवाएं। लोगों को शव जलाने के लिए काफी समय का इंतजार करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, भैरोघाट पर 43, भगवतदास घाट पर 15, सिद्धनाथ घाट पर 15, ड्योढ़ी घाट पर 24, नजफगढ़ घाट पर 4, नाडापुर घाट पर 2, बिठूर घाट पर 20, बिल्हौर, शिवराजपुर, चौबेपुर घाट पर 39 और भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह पर 18 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिनवा के अनुसार, शनिवार को राज्य के 13 निर्वाचन क्षेत्रों में हुए लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के दौरान 33 मतदान कर्मियों की लू लगने से मौत हो गई। इनमें होमगार्ड, सफाई कर्मचारी और अन्य मतदान कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बलिया लोकसभा क्षेत्र के सिकंदरपुर इलाके में एक मतदान केंद्र पर भी एक मतदाता की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र पर खड़े मतदाता राम बदन चौहान बेहोश हो गए और उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।