जल संकट पर दिल्ली ने हरियाणा सरकार को घेरा…

दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने पेयजल संकट के मामले में एक बार फिर हरियाणा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।  उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार दिल्ली में पेयजल संकट पैदा करने का षड्यंत्र रच रही है। इस कड़ी में वह लगातार दिल्ली के हक का पानी रोक रही है। वह दिल्ली के हिस्से का पानी यमुना में कम छोड़ रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है। हरियाणा सरकार के इस कदम का उन्होंने शुक्रवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण करने के दौरान विरोध किया।

इस मौके पर आतिशीने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से दिल्ली के हक का पूरा पानी नहीं देने के कारण वजीराबाद बैराज का जलस्तर दो जून को 671.3 फीट था। वहीं सात जून को जलस्तर घटकर 669.7 फीट रह गया है। उन्होंने खुलासा किया कि दो जून को पानी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद हरियाणा सरकार ने लगातार दिल्ली की ओर यमुना में पानी छोड़ना कम कर दिया है जबकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के लोगों के पानी की समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहा है इसलिए सुप्रीम कोर्ट लगातार इस मामले की सुनवाई कर रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली अपनी पूरी पानी की आपूर्ति के मामले में यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना में हरियाणा से छोड़े जाने वाला पानी ही आता है। इस पानी को दिल्ली जल बोर्ड वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला स्थित अपने जल शोधक संंयंत्रों में साफ करके दिल्ली के करीब 30 प्रतिशत लोगों को मुहैया कराता है मगर अब हरियाणा से पानी कम आने के कारण इन तीनों संयंत्रों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। वह पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं और उनसे जुड़े इलाकों में पानी की किल्लत हो गई है और लोगों को भारी दिक्कत हो रही है। वह पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा की शिकायत करेगी दिल्ली सरकार
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान करने में लगा है। कोर्ट में हिमाचल प्रदेश ने कहा है कि वह दिल्ली की मदद करने को तैयार है, लेकिन हरियाणा सरकार अब ये षड्यंत्र रच रही है कि हिमाचल प्रदेश की ओर से पानी देने पर भी दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान न हो।

इस कड़ी में हरियाणा सरकार लगातार पानी रोक रही है। इस कारण वजीराबाद बैराज में पानी कम हो गया है। उन्होंने कहा कि वह यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया जाएगा कि दिल्ली को अपने हिस्से का पानी और हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले अतिरिक्त पानी को बिना किसी रुकावट के दिलवाया जाए।

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