दिल्ली में पेयजल संकट पर छिड़ी जुबानी जंग के बीच एलजी वीके सक्सेना ने कल हरियाणा के सीएम नायब सैनी से बातचीत की। वीके सक्सेना ने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से बीते सोमवार को बात हुई। उन्होंने दोहराया कि दिल्ली को आवंटित हिस्से के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। चल रही गर्मी की लहर के कारण राज्य की अपनी बाधाओं के बावजूद हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
जल संकट पर भाजपा ने सीएम केजरीवाल से मांगा इस्तीफा
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में पानी के भीषण संकट से क्षुब्ध हजारों नागरिकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने जल बोर्ड कार्यालय पर प्रचंड प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और दक्षिण दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और पूर्व विधायक चौ. ब्रह्म सिंह तंवर ने सम्बोधित किया। भाजपा नेताओं ने जल संकट के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के त्यागपत्र की मांग की।
पेयजल संकट पर राजनिवास में हुई उच्च स्तरीय बैठक में हुआ खुलासा
सोमवार को राजनिवास में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये आंकड़े सामने आए। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को व्यवस्था ठीक करने की नसीहत दी है। उधर, दिल्ली सरकार ने राजनिवास के आंकड़ों को भ्रामक बताया गया। मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उपराज्यपाल बैठक का वीडियो सार्वजनिक करें। इससे असलियत सामने आ जाएगी।
इससे पहले राजनिवास में जलापूर्ति के मसले पर बुलाई गई बैठक में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी व सौरभ भारद्वाज समेत मुख्य सचिव और दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ मौजूद रहे। इसमें बताया गया कि दिल्ली के नौ में से सात जल शोधन संयंत्रों में हरियाणा से मिलने वाले पानी के लिए मूनक नहर एक मुख्य स्रोत है। नहर का रखरखाव न होने से बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान नहर से अनधिकृत रूप से पानी उठाते हुए देखा गया है। बैठक में इसकी तस्वीरें भी साझा कीं गई। इनमें दिल्ली में मुनक नहर के किनारे टैंकरों की लगीं कतारें अवैध रूप से पानी उठाते दिख रही है।
हरियाणा और दिल्ली के अधिकारियों ने किया था नहर का निरीक्षण
रविवार ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) के अधिकारियों के एक दल ने दिल्ली और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुनक नहर का निरीक्षण किया। इसमें देखा गया कि हरियाणा से नहर में पर्याप्त जलापूर्ति हो रही थी। हरियाणा ने मूनक नहर में 2,289 क्यूसेक पानी छोड़ा। जबकि काकोरी से तय कोटा 1050 क्यूसेक पानी की तुलना में 1161.084 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
काकोरी वह जगह है, जहां से पानी सीधे दिल्ली पहुंचता है। लेकिन दिल्ली के बवाना में मूनक नहर को 960.78 क्यूसेक पानी ही पहुंचा। रास्ते में करीब 200 क्यूसेक पानी गायब हो गया। यह कुल पानी का 18 प्रतिशत है। नियम के तहत यह आंकड़ा पांच प्रतिशत से कम होना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले पांच जून को हुई बैठक में यूवाईआरबी ने दिल्ली सरकार को बताया था कि मुनक नहर से करीब 25 फीसदी पानी की बर्बादी हो रही है।
दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट बरकरार
राजधानी के कई इलाकों सोमवार को पेयजल संकट बरकरार रहा। वहीं, स्लम बस्तियों व अनधिकृत काॅलोनियों में पर्याप्त संख्या में टैंकर नहीं पहुंचे। पूर्वी दिल्ली की गीता काॅलोनी व आसपास के अन्य इलाकों, दक्षिणी दिल्ली स्थित ओखला फेस-दो व संगम विहार, नई दिल्ली स्थित सभी स्लम बस्तियों और पश्चिमी दिल्ली के गोपाल नगर, विकास नगर, निहाल विहार आदि काॅलोनियों में पेयजल संकट बना हुआ है।