मानसून के बीच उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चल रही है। ऐसे में चारधाम यात्रा के लिए विशेष तौर पर मौसम विज्ञान केंद्र की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। राज्य के चारधाम रूट पर विशेष सावधानी बरतने के सुझाव दिए गए हैं। राज्य सरकार को भी चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने का सुझाव दिया गया है।
दरअसल, चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद चारों धामों में मौजूद क्षमता से भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बद्री केदार मंदिर समिति ने बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की सुरक्षा के लिए अलग से सुरक्षा संवर्ग की व्यवस्था की है। बद्री केदार मंदिर समिति अर्ध सैनिक बलों से डीएसपी रैंक के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर तैनात करेगी और उसके नीचे 57 आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों को मंदिर और उसके खजाने की सुरक्षा में लगाया जाएगा। उत्तराखंड शासन ने बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति यानी बद्री केदार मंदिर समिति के उस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसमें मंदिर समिति द्वारा अलग से सुरक्षा संवर्ग की मांग की गई थी। उत्तराखंड शासन से संस्कृति व धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
वहीं बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसके लिए उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि बीकेटीसी सुरक्षा संवर्ग का प्रमुख मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी का पद होगा और यह पुलिस के डीएसपी रैंक का अधिकारी होगा, जिसे नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल या फिर अर्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर रखा जाएगा। मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी के नीचे दो मंदिर सुरक्षा अधिकारियों के पद सृजित किए गए हैं, जो पुलिस से इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी होंगे और इनके नीचे सब इंस्पेक्टर रैंक के चार उप मंदिर सुरक्षा अधिकारी होंगे। ये सभी पद सरकार से प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। इसके अलावा आउटसोर्स के माध्यम से 10 मुख्य मंदिर रक्षक और 40 मंदिर रक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। आईटी संवर्ग के लिए भी शासन ने बीकेटीसी में सहायक प्रोग्रामर का एक पद सृजित किया है। इस पर नियत मानदेय पर नियुक्ति की जाएगी।
अजेंद्र अजय ने सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग में पद सृजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग होने से मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। बद्रीनाथ व केदारनाथ के अलावा अन्य अधीनस्थ मंदिरों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।