सीएम डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण किया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्र के तहत लाल परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण कर राष्ट्रध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर उन्होंने परेड का निरीक्षण किया, जिसमें 17 टुकड़ियां शामिल थीं। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में राज्य के विकास और नागरिक कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। साथ ही प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। 

भोपाल में आयोजित मुख्य परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के सहायक पुलिस आयुक्त मयूर खंडेलवाल ने किया। इस परेड में पुलिस बैंड सहित 17 टुकड़ियां शामिल हुई, जिनमें प्रदेश पुलिस बल, विशेष सशस्त्र बल (उत्तरी जोन), महिला विशेष सशस्त्र बल, जिला बल एवं रेल की संयुक्त टुकड़ी, हॉक फोर्स, एसटीएफ, जिला पुलिस बल, जेल विभाग, शासकीय रेल पुलिस, नगर सेना (होमगार्ड), एनसीसी (सीनियर विंग गर्ल्स), एनसीसी (सीनियर डिवीजन), गाइड गर्ल्स, स्काउट्स बॉयज, शौर्य दल, लाड़ली बहना और अश्वरोही दल शामिल रहे। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश में लगभग 7 लाख मकानों का निर्माण कर लिया गया है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह सहायता योजना में वर्ष 2023-24 में 62 हजार 583 कन्याओं के विवाह के लिए सहायता राशि दी है। समाज के वरिष्ठजन, दिव्यांगजन, निराश्रितों और कल्याणी बहनों को प्रत्येक माह 600 रुपये दिए जा रहे हैं। श्रम कल्याण मंडल की विभिन्न योजनाओं में 7 लाख श्रमिकों को 43 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। श्रमिक के परिवारों के लिए शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार, विवाह सहायता, कल्याणी सहायता, श्रमिक साहित्य पुरस्कार और उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना लागू की गई है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत जरूरतमंद ग्रामीणों को रोज़गार देने, अमृत सरोवर योजना, जल गंगा संवर्धन अभियान, पुष्कर धरोहर अभियान में अनेक कार्य चल रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में वर्ष 2025 तक प्रदेश के ग्रामों को कचरे और कीचड़ से मुक्ति दिलवाकर उन्हें मॉडल श्रेणी का ओडीएफ प्लस ग्राम बनाने का लक्ष्य है। जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए इस वित्त वर्ष में 40 हजार 804 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट की तुलना में 23.4% अधिक है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में प्रदेश के 7 हजार 300 से अधिक जनजातीय बहुल ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण और कौशल विकास के कार्य हो रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत इस वित्त वर्ष में 27 हजार 900 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, गणवेश, छात्रावास सुविधा आदि के लिए 1 हजार 427 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हमारी रणनीति स्पष्ट और संकल्पित है – हर गरीब और कमजोर व्यक्ति को समृद्धि और सुरक्षा की ओर ले जाना। हम न केवल योजनाएँ बना रहे हैं, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं। अंधेरा चाहे कितना भी घना हो उम्मीद का एक दीपक सब बदल सकता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी सशक्तिकरण मिशन केवल एक सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि सभी बहनों के सशक्तिकरण का एक दृढ़ संकल्प है। प्रदेश की 45 लाख 89 हजार बहनों के खातों में 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए 118 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है। मध्यप्रदेश में स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार हुआ है। यह अनुपात प्रति एक हजार पुरुषों पर 927 महिलाओं से बढ़कर 956 हो चुका है। कृषि को लाभदायी व्यवसाय बनाने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण प्रदाय करने की योजना को निरंतर रखा जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के कुल दलहन उत्पादन का एक चौथाई हिस्सा उत्पादित कर भारत में प्रथम स्थान पर है। सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है। चना और गेहूँ के उत्पादन में भी मध्यप्रदेश प्रथम है। इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के सभी किसान भाई बधाई के पात्र हैं। प्रदेश में इस वित्त वर्ष में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 66 हजार 605 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की है। योजना में किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मध्यप्रदेश “सहकार से समृद्धि” की परिकल्पना को साकार करने के लिए कृत-संकल्पित है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में उपलब्ध कुल जल क्षेत्र 4 लाख 42 हजार हेक्टेयर में से 4 लाख 40 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र अर्थात 99 प्रतिशत में मत्स्य- पालन हो रहा है। पशुपालन और डेयरी विकास विभाग का नाम बदलकर पशुपालन, गौ-पालन और डेयरी विभाग किया जा रहा है। पशुपालन विकास योजना में 14 जिलों के विशेष पिछड़ी जनजाति के पशुपालकों को 90प्रतिशत अनुदान पर दुधारू पशु दिलवाने की पहल की गई है। अच्छी सड़कें प्रदेश के विकास को गति प्रदान करती हैं। प्रदेश में 6 एक्सप्रेस-वे परियोजनाएँ प्रारंभ की गई हैं। वर्ष 2024-25 में 5 हजार 100 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण और नवीनीकरण किया जाएगा। 

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