बरेली में पुरानी बाइक मॉडिफाई कराना युवाओं को महंगा पड़ रहा है। पकड़े जाने पर कई मामलों में बाइक की कीमत से ज्यादा जुर्माना तक भरना पड़ रहा है। ज्यादा मामले मॉडिफाइड साइलेंसर के हैं। एक महीने में ऐसी मॉडिफाइड बाइकों के 32 चालान किए गए हैं। आठ बाइक के चालान तो 25-25 हजार के हुए हैं।
नियमानुसार किसी वाहन के स्वरूप में ऐसे बदलाव नहीं करा सकता जो रजिस्ट्रेशन और मैन्युफैक्चरर के विवरण से मिलान न करता हो। मैन्युफैक्चरर विवरण और रजिस्ट्रेशन से इतर वाहन में कोई बदलाव कराने से पहले आरटीओ की स्वीकृति जरूरी होती है। कुछ जीप और कारों में बदलाव कराया जा सकता है। इनके मॉडल निर्धारित हैं।
इसके बाद भी नियम और कानून की परवाह न करते हुए युवा वर्ग पुरानी बाइकों को धड़ल्ले से मॉडिफाइड करा रहा है। बाइक का साइलेंसर मॉडिफाइड कराने पर पांच और बाइक के अन्य हिस्सों से छेड़छाड़ करने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना है।
खपाए जा रहे चोरी के वाहनों के पुर्जे
शहर में बाइक के अलावा कारों को मॉडिफाइड करने वाले भी कई गैराज और वर्कशॉप चल रहे हैं। कई ऐसे वर्कशॉप हैं जिनमें चोरी के वाहनों के पुर्जे दूसरे वाहनों को मॉडिफाइड करने में खपाए जा रहे हैं। बुधवार को कोतवाली क्षेत्र में बिहारीपुर चौकी के पास मॉडिफाइड बाइक का गैराज पकड़े जाने के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं।
आरटीओ प्रवर्तन के दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि मॉडिफाइड समेत अनधिकृत, अनफिट वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में फिटनेस न कराने वाले 253 चार पहिया वाहनों के पंजीकरण भी निलंबित किए गए हैं।