बेगूसराय के लोगों के लिए काम की खबर की खबर है। महावीर कैंसर संस्थान की टीम चार दिनों के लिए बेगूसराय जिले में रहने वाली है। टीम गंगा के मैदानी इलाकों में कैंसर सहित अन्य बीमारियों का आकलन करेगी। टीम ने बेगूसराय जिले के तेघरा, बरौनी, रानी, बछवाड़ा, मुरली टोल, मंझौल, साहेबपुर कमाल, सादपुर गांवों का दौरा किया। टीम के प्रमुख डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि इन सभी गांवों में 364 लोगों के ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ब्लड ग्लूकोज के स्तर की जांच की गई। इसके अलावा 85 लोगों के मूत्र, रक्त, बाल, नाखून, उनके घरेलू खाद्य पदार्थ जैसे गेहूं, चावल, दालें, आलू और मिट्टी के नमूने भारी धातु संदूषण के लिए एकत्र किए गए। इन सभी गांवों में 42% लोगों में उच्च रक्तचाप का स्तर था, जबकि 10% में निम्न रक्तचाप का स्तर था। 11% आबादी में रक्त शर्करा का स्तर बहुत अधिक था।
लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो रहा है
इन गांवों में अध्ययन के दौरान 11 कैंसर रोगी भी पाए गए। महावीर कैंसर संस्थान में कुछ कैंसर रोगियों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा, लगभग सभी जांच किए गए रोगियों ने जोड़ों के दर्द, निचले अंगों में दर्द, पेट फूलना, एनीमिया, सामान्य शारीरिक कमजोरी और कुछ महिलाओं में ल्यूकोरिया, मासिक धर्म संबंधी गड़बड़ी आदि की शिकायत की। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के गंगा के मैदानी क्षेत्र में भूजल आर्सेनिक विषाक्तता के कारण लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो रहा है। इससे लोगों में मूक रोग हो रहे हैं।
गांव की महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी बीमारियां भी थीं
विशेषज्ञों की मानें तो बेगूसराय की आबादी में बीमारी का बोझ थोड़ा बढ़ा है। गांव की महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी बीमारियां भी थीं, जिनकी उचित जांच की जानी चाहिए। टीम के पिछले अध्ययन में महिलाओं के स्तन के दूध में आर्सेनिक और सीसा विषाक्तता की भी रिपोर्ट की गई थी, साथ ही उनके शिशुओं में भी आर्सेनिक और सीसा विषाक्तता के कारण स्वास्थ्य को खतरा हो रहा था। इन गांवों के चंद्र नाथ मिश्रा, गौतम कुमार, सुशील कुमार राय और जगदेव प्रसाद यादव ने स्थानीय सहयोग प्रदान किया। महावीर टीम के सदस्य विद्या कुमारी, मेघा शर्मा, मुकेश कुमार, निखिल कुमार और शिवम कुमार थे।