पितृ पक्ष में इन 3 तिथियों पर पिंडदान करने से मिलेगी पितरों को मुक्ति

पितृ पक्ष का समय बहुत अहम माना जाता है। इसे पितृ पक्ष या श्राद्ध भी कहा जाता है। यह पूर्वजों का तर्पण करने के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण अवधि है, जो 16 दिनों तक चलती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से जुड़ी मुश्किलों का निवारण होता है। वहीं, पितृ पक्ष की 3 ऐसी तिथियां हैं, जिसमें श्राद्ध-कर्म करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है, तो चलिए उन विशेष अवधि (Pitru Paksha 2024) के बारे में जानते हैं।

पितृ पक्ष की 3 महत्वपूर्ण तिथियां (Pitru Paksha 2024)
वैसे तो श्राद्ध पक्ष की सभी तिथियों का खास महत्व है, लेकिन भरणी श्राद्ध, नवमी श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या को बहुत ही विशेष माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान जिन पितरों की अकाल मृत्यु हुई हो व जिनकी संतान न हो या फिर जिनकी मृत्यु की तिथि का पता न हो उनका श्राद्ध करना चाहिए, इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। ऐसा कहा जाता है इस तिथि पर श्राद्ध-कर्म करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।

पितृ दोष निवारण हेतु उपाय
पितृ दोष के निवारण के लिए पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों के निमित्त भोग लगाएं और उनके मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा आप श्राद्ध पक्ष के दौरान भगवान शिव की रोजाना पूजा करें और किसी योग्य ब्राह्मण से उनका पिंडदान कराएं। ऐसा करने से पितृ दोष के बुरे प्रभाव से आपकी रक्षा होगी। साथ ही व्यक्ति के जीवन में खुशियों का आगमन होगा, लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान तामसिक चीजों से परहेज जरूर करें।

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