संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अल-कायदा, आइएस जैसे आतंकी संगठनों और उनके मददगारों के खिलाफ अब ठोस कार्रवाई की जाएगी। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रियों ने गुरुवार को यह संयुक्त संकल्प लिया।
भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका के समूह आईबीएसए के तहत आयोजित यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र से इतर हुई। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनके ब्राजीलियाई समकक्ष माउरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका के रोनाल्ड लामोला ने हिस्सा लिया।
बैठक में सभी ने आतंकवाद के सभी रूपों को निंदनीय बताया और सहमति जताई कि यह एक वैश्विक संकट है जिससे लड़ा जाना चाहिए। दुनिया के हर हिस्से में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए। सभी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ लड़ी जानी चाहिए, इनमें विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का पूरा सम्मान जरूरी है।
तीनों ने एलईटी, जेईएम व ऐसे ही अन्य आतंकी संगठनों सहित सभी आतंकवादियों और उनके सूत्रधारों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया। मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को जल्द अपनाने के लिए एकजुट प्रयास तेज करने का संकल्प भी दोहराया।
उन्होंने वैश्विक समुदाय से सशक्त आतंकवाद-रोधी तंत्र स्थापित करने और संयुक्त राष्ट्र को इसमें केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए भी आह्वान किया। सभी ने आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही, आतंकवादी नेटवर्क के वित्तपोषण और अपने क्षेत्रों से आतंकवादी कार्रवाइयों सहित आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए सभी देशों की जिम्मेदारी को भी याद किया।
यूक्रेन-रूस संघर्ष पर चिंता व्यक्त की और शांति स्थापित करने के लिए आपस में तनाव कम करने के साथ सीधी बातचीत को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए इजरायल-गाजा के मामले में भी अपनी राय रखी।