लगातार तीसरी बार पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार के 100 दिन के कार्यकाल के भीतर रूस, यूक्रेन और पोलैंड समेत सात देशों की यात्रा की और कई महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल हुए।
विदेश मंत्रालय ने वैश्विक कूटनीतिक मोर्चे पर सरकार को सफल बताते हुए कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी ने सबसे पहले इटली में जी7 लीडर्स आउटरीच बैठक में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर जुलाई में उन्होंने रूस की यात्रा करते हुए 22वें भारतीय-रूसी वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लिया।
45 साल में भारतीय पीएम की पहली पोलैंड यात्रा
अगस्त में वह पोलैंड पहुंचे, जो 45 वर्ष बाद भारतीय पीएम द्वारा की गई यात्रा थी। अगस्त में ही वह युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर पहुंचे, जो किसी भारतीय पीएम की पहली यूक्रेन यात्रा थी। अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में उन्होंने सिंगापुर और ब्रुनेई का भी दौरा किया।
इसके साथ ही पीएम ने तीसरे वायस ऑफ ग्लोबल समिट की मेजबानी की, जिसमें 122 देशों की 173 शख्सियतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने भारत में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन किया और यूनेस्को की विश्व धरोहर में असम के मैदाम को शामिल करके भारतीय सांस्कृतिक कूटनीति दिखाई।
राष्ट्रपति ने भी किए कई दौरे
अगस्त में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु फिजी, न्यूजीलैंड और टिमोर-लेस्टे के राष्ट्रीय दौरे पर गईं। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान यूएई, कतर, श्रीलंका, कजाखस्तान, मॉरिशस, मालदीव, कुवैत, सिंगापुर, सऊदी अरब, स्विटजरलैंड और जर्मनी का दौरा किया।